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BJP लाख कोशिश कर ले नेहरूजी पर दाग...लोकसभा में PM मोदी पर गौरव गोगोई ने किया पलटवार

वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में हुई विशेष चर्चा में प्रधानमंत्री मोदी और कांग्रेस के बीच तीखी बहस देखने को मिली. मोदी ने नेहरू और कांग्रेस पर मुस्लिम लीग के दबाव में झुकने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास बताया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर लोकसभा में सोमवार, 8 दिसंबर को विशेष चर्चा आयोजित हुई, लेकिन इस चर्चा ने शीघ्र ही राजनीतिक रूप ले लिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुस्लिम लीग और उसके नेता मोहम्मद अली जिन्ना के दबाव में झुककर देश के साथ विश्वासघात किया. मोदी ने दावा किया कि नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस ने वंदे मातरम् को विभाजित करने का निर्णय लिया और इसी मानसिकता ने आगे चलकर देश के विभाजन का मार्ग प्रशस्त किया.

“नेहरू पर दाग लगाने की कोशिश नाकाम”

कांग्रेस की ओर से जवाब देते हुए सदन में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री पर चर्चा को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, पंडित नेहरू पर एक भी दाग नहीं लगाया जा सकता. गोगोई ने कहा कि इतिहास गवाही देता है कि कांग्रेस ने ही सबसे पहले वंदे मातरम् का उद्घोष किया था. उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा कि मोदी जिस 1937 के कांग्रेस अधिवेशन की बात करते हैं, उस समय भाजपा के राजनीतिक पूर्वज 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में कहाँ थे.

“आपके राजनीतिक पूर्वजों ने राष्ट्रगान को महत्व नहीं दिया”
गोगोई ने भाजपा पर हमला जारी रखते हुए कहा कि सत्तापक्ष के वैचारिक पूर्वजों ने न कभी तिरंगे का सम्मान किया और न ही राष्ट्रगान को आवश्यक समझा. उन्होंने कहा कि ऐसी पृष्ठभूमि रखने वाली पार्टी को राष्ट्रभक्ति का पाठ पढ़ाने का नैतिक अधिकार नहीं है. गोगोई के अनुसार, आज भाजपा सत्ता के लालच में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है और बंगाल जैसे सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य को भी राजनीतिक लाभ के लिए समझने में असफल रही है.

वंदे मातरम् से कोई आपत्ति नहीं...
चर्चा के दौरान गौरव गोगोई ने यह भी स्पष्ट किया कि इतिहास के महत्वपूर्ण समय में मुस्लिम लीग ने वंदे मातरम् के पूर्ण बहिष्कार की मांग की थी. इस पर मौलाना अबुल कलाम आजाद ने स्पष्ट कहा था कि उन्हें वंदे मातरम् से कोई आपत्ति नहीं है. गोगोई ने यह भी बताया कि उस समय हिंदू महासभा ने भी इस गीत की आलोचना की थी. इसके विपरीत, कांग्रेस ने अपने अधिवेशन में यह तय किया था कि जहां भी उनका आयोजन होगा, वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य रूप से किया जाएगा.

मोदी पर नेहरू को बार-बार निशाना बनाने का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री लगभग हर बड़े राजनीतिक वक्तव्य में कांग्रेस और नेहरू का नाम उठाते हैं. उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नेहरू का नाम 14 बार और कांग्रेस का नाम 50 बार लिया था. गोगोई ने कहा कि यह रणनीति इतिहास को विकृत करके राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास है, लेकिन इससे नेहरू के योगदान की चमक कम नहीं हो सकती.

आपातकाल और वंदे मातरम् की 100वीं वर्षगांठ
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि वंदे मातरम् के 100 वर्ष पूरे होने पर देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, संविधान का दमन किया गया था और देशभक्तों को जेलों में बंद किया गया था. उनके अनुसार, यह समय था जब राष्ट्रीय गीत की भावना को भी दबाने की कोशिश की गई. मोदी ने कहा कि 150 वर्ष पूरे होने पर इस गीत की गौरवगाथा को पुनः स्थापित करने का अवसर मिला है, और यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता के आंदोलन में वंदे मातरम् ने राष्ट्र को एकजुट करने का कार्य किया था.

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08 December 2025, 06:07 PM IST

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