BJP को जल्द मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, RSS और BJP के रिश्तों में आई नरमी...रेस में इन मंत्रियों के नाम आगे
भाजपा में लंबे समय से टल रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के पीछे आरएसएस और पार्टी नेतृत्व के बीच तनाव को वजह माना गया. हालिया बयानों से दोनों के रिश्ते सुधरते दिख रहे हैं. मोदी और शाह ने संघ की प्रशंसा की, जबकि मोहन भागवत ने भी नरम रुख दिखाया. अब शिवराज सिंह चौहान, गडकरी, खट्टर और धर्मेंद्र प्रधान जैसे नेताओं के नाम अध्यक्ष पद के लिए चर्चा में हैं.

BJP National President Election : भारतीय जनता पार्टी (BJP) में लंबे समय से राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को टालने का मामला चर्चा में रहा है. इसकी मुख्य वजह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के बीच बने तल्ख रिश्तों को माना जा रहा है. बीते कुछ समय से दोनों पक्षों में रिश्तों को सामान्य करने की स्पष्ट कोशिशें देखी गई हैं. अब यह संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा किसी भी समय नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है.
रिश्तों में तनाव और सुधार की कोशिश
RSS दुनिया का सबसे बड़ा NGO
कहा जा रहा है कि इस चुनाव में संघ के कार्यकर्ताओं ने अनिच्छा से भाजपा का साथ दिया, जो संगठनात्मक ऊर्जा की कमी को दर्शाता है. हालांकि अब स्थिति में बदलाव देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए संबोधन में आरएसएस को दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताते हुए उसकी प्रशंसा की थी. इसके बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी एक कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि समाज सेवा और राजनीति में सेवा की कोई उम्र सीमा नहीं होती.
मोदी के 75 वर्ष पूरे होने पर उठे सवाल
गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख इससे पहले यह भी कह चुके हैं कि 75 साल की उम्र होने पर लोगों को स्वयं रिटायर हो जाना चाहिए. इस बयान को लेकर चर्चा इसलिए तेज हो गई क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी इसी साल 75 वर्ष के हो रहे हैं. हालांकि इसके बाद भागवत के नए बयान को उस रुख में बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है.
शाह और मोदी दोनों ने बढ़ाया संघ की ओर झुकाव
प्रधानमंत्री मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हाल ही में कई बार संघ की खुलकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक होना किसी भी दृष्टिकोण से नकारात्मक नहीं हो सकता और यह गर्व की बात है. शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक भारत फिर से महान नहीं बनता, तब तक हर स्वयंसेवक को सक्रिय रहना चाहिए. इन बयानों से यह संकेत मिलता है कि भाजपा और संघ के बीच की दूरी अब धीरे-धीरे कम हो रही है.
अध्यक्ष पद की दौड़ में कौन-कौन?
भाजपा में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. सबसे प्रमुख नाम शिवराज सिंह चौहान का है, जो वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं और संगठनात्मक अनुभव भी रखते हैं. इसके अलावा नितिन गडकरी का नाम भी चर्चा में है, हालांकि वे संघ के काफी करीबी माने जाते हैं और उनकी छवि एक स्वतंत्र विचारधारा वाले नेता की रही है.
अंतिम फैसला किसी भी नाम को लेकर...
मनोहर लाल खट्टर, जो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और अब केंद्र में मंत्री हैं, उनके नाम की भी चर्चा है. इसके साथ ही धर्मेंद्र प्रधान को भी अध्यक्ष पद की दौड़ में देखा जा रहा है. हालांकि, भाजपा अपने अप्रत्याशित निर्णयों के लिए जानी जाती है, इसलिए अंतिम फैसला किसी भी नाम को लेकर हो सकता है.
नया अध्यक्ष और संघ-भाजपा का नया समीकरण
आरएसएस और भाजपा के बीच रिश्तों में आई हालिया गर्माहट से यह साफ है कि दोनों संगठन आगामी राजनीतिक चुनौतियों के मद्देनज़र एकता और सामंजस्य की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी कोई पारंपरिक चेहरा चुनती है या फिर किसी अप्रत्याशित नाम पर मुहर लगाती है. जो भी हो, यह साफ है कि भाजपा अब संघ को नज़रअंदाज़ करने की स्थिति में नहीं है और यह तालमेल भविष्य की राजनीति की दिशा तय करेगा.


