देश के लिए शहीद हुए वीरों को भारतीय सेना ने किया सम्मानित, COAS जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परिजनों को सौंपा बलिदान बैज और सम्मान पत्र
Indian Army: नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में आज एक भावुक समारोह में थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने देश की रक्षा में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के परिजनों को बलिदान बैज और सम्मान पत्र प्रदान किए. यह सम्मान उन बहादुर सैनिकों की स्मृति में दिया गया जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने प्राण न्योछावर कर दिए.

Indian Army: नई दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में आज एक भावुक और सम्मानजनक समारोह के दौरान थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने वीरगति प्राप्त सैनिकों के परिजनों को बलिदान बैज और सम्मान पत्र प्रदान किए. यह समारोह रक्षा अलंकरण समारोह के एक दिन बाद आयोजित किया गया, जो 22 मई को राष्ट्रपति भवन में संपन्न हुआ.
यह सम्मान उन अधिकारियों, जूनियर कमीशंड अधिकारियों और अन्य रैंकों को श्रद्धांजलि स्वरूप प्रदान किया गया जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में दुश्मन और आतंकी कार्रवाई के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी.
1999 में शुरू हुई परंपरा, आज भी बरकरार
बलिदान बैज और सम्मान पत्र की परंपरा जुलाई 1999 में शुरू हुई थी. इसे पहली बार आधिकारिक रूप से विजय दिवस (16 दिसंबर 1999) को प्रस्तुत किया गया था. यह भारतीय सेना की उस अटूट परंपरा का प्रतीक है, जिसमें शहीदों की याद और उनके बलिदान को सदैव जीवित रखा जाता है.
बलिदान बैज और सम्मान पत्र की विशिष्टता
बलिदान बैज 24 कैरेट सोने की परत वाला एक विशेष प्रतीक है, जिस पर प्रत्येक शहीद का सेना क्रमांक, रैंक और नाम खुदा होता है. इसके पीछे भारतीय सेना का प्रतीक अंकित होता है, जो उनकी शाश्वत स्मृति का प्रतीक है. वहीं सम्मान पत्र 24 कैरेट गोल्ड फॉइल पर तैयार किया गया एक स्थायी दस्तावेज है, जिसे सुनहरे फ्रेम में सजाया गया है. इन दोनों का डिजाइन भारतीय सेना के वेटरन निदेशालय द्वारा किया गया है.
परिजनों के आंसुओं में गर्व की झलक
समारोह में उपस्थित कई परिजन भावुक हो उठे, पर उनके चेहरे पर गर्व की झलक स्पष्ट दिखाई दी. यह समारोह ना केवल बलिदान की कीमत को उजागर करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारतीय सेना अपने वीर सपूतों को कभी नहीं भूलती.
सम्मान प्राप्त करने वाले शहीदों के परिजन
थलसेना प्रमुख ने निम्नलिखित वीर शहीदों के परिजनों को बलिदान बैज और सम्मान पत्र प्रदान किए:
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कर्नल मनप्रीत सिंह
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मेजर आशिष ढोंचाक
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कैप्टन दीपक सिंह
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हवलदार रोहित कुमार
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नायक दिलवर खान
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रायफलमैन रवि कुमार
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सिपाही प्रदीप सिंह
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डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट
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ओईएम जीडीई-1 विजयन कुट्टी जी (सीमा सड़क संगठन)
बलिदान की परंपरा को नमन
भारतीय सेना अपने वीर शहीदों की स्मृति को जीवित रखते हुए कर्तव्य, सम्मान और बलिदान की गहरी परंपराओं को निभा रही है. यह समारोह उन मूल्यों की गवाही देता है जो भारतीय सेना की नींव में रचे-बसे हैं.


