चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने PM मोदी से की मुलाकात, SCO शिखर सम्मेलन का निमंत्रण सौंपा
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राष्ट्रपति शी जिनपिंग का SCO शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण सौंपा. पीएम मोदी ने सीमा पर शांति और सौहार्द पर ज़ोर दिया और शी जिनपिंग से तियानजिन में मिलने की इच्छा जताई. दोनों देशों के स्थिर और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए अहम माने गए.

PM Modi Wang Yi Meeting : चीन के विदेश मंत्री वांग यी तीन साल के लंबे अंतराल के बाद भारत दौरे पर पहुंचे हैं. इस यात्रा का उद्देश्य भारत और चीन के बीच रिश्तों को नई दिशा देना है. अपनी यात्रा के दौरान वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का विशेष संदेश तथा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए निमंत्रण सौंपा. यह शिखर सम्मेलन चीन के तियानजिन शहर में होने वाला है.
PM मोदी ने साझा की प्रतिक्रिया
Glad to meet Foreign Minister Wang Yi. Since my meeting with President Xi in Kazan last year, India-China relations have made steady progress guided by respect for each other's interests and sensitivities. I look forward to our next meeting in Tianjin on the sidelines of the SCO… pic.twitter.com/FyQI6GqYKC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2025
सीमा विवाद और शांति पर बातचीत
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से मिली जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी और वांग यी की मुलाकात के दौरान सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने के मुद्दे पर विशेष ज़ोर दिया गया. पीएम मोदी ने यह साफ किया कि भारत, सीमा विवाद का निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य समाधान चाहता है. इसके लिए भारत की प्रतिबद्धता बरकरार है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच भरोसेमंद और शांतिपूर्ण संबंध पूरे क्षेत्र की स्थिरता और समृद्धि में योगदान कर सकते हैं.
शी जिनपिंग से संभावित मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा भेजे गए SCO शिखर सम्मेलन के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने चीन को सम्मेलन की अध्यक्षता के लिए समर्थन भी जताया. मोदी ने कहा कि वे शी जिनपिंग से तियानजिन में मुलाकात को लेकर उत्साहित हैं. यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है जब भारत और चीन के बीच सीमा तनाव अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन दोनों पक्ष बातचीत और कूटनीतिक माध्यम से संबंधों को सुधारने के संकेत दे रहे हैं.


