चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ की जांच CID को सौंपी गई, SIT का गठन होगा
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर करीब 2.5 लाख लोग जुटे थे. भारी पुलिस तैनाती के बावजूद भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ में 11 लोगों की जान गई और 56 घायल हुए. अब चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ की जांच CID को सौंपी गई है.

कर्नाटक सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया है कि एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ की जांच अब आपराधिक जांच विभाग (CID) को सौंपी गई है. इस दुखद घटना में 11 लोगों की मौत और 56 लोग घायल हुए थे. मामले की गहराई से जांच सुनिश्चित करने के लिए CID के भीतर एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाएगा.
कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में केस दर्ज
सरकार द्वारा अदालत में प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट में बताया गया कि कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, जिसे अब CID को स्थानांतरित कर दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया कि SIT को जल्द ही औपचारिक रूप से जांच का जिम्मा सौंपा जाएगा.
साथ ही, राज्य सरकार ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच की भी घोषणा की है. बेंगलुरु शहर के डिप्टी कमिश्नर और जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 दिनों के भीतर हादसे के कारणों और संभावित लापरवाही की पहचान करते हुए रिपोर्ट जमा करें.
गेट नंबर 1, 6, 7 और 17 से 21 पर हालात बेकाबू
यह भगदड़ 3 जून की रात और 4 जून की सुबह उस वक्त हुई, जब RCB की आईपीएल 2025 की जीत के बाद एक विजय परेड का आयोजन किया गया था. स्टेडियम के बाहर अनुमानित 2.5 लाख लोग जमा हो गए थे. भीड़ नियंत्रण के लिए 1,380 पुलिसकर्मी और 13 KSRP प्लाटून तैनात थे, फिर भी गेट नंबर 1, 6, 7 और 17 से 21 पर हालात बेकाबू हो गए.
घायलों में से 50 को प्राथमिक इलाज देकर छुट्टी दी गई, जबकि छह का अस्पताल में इलाज जारी है. सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये और सभी घायलों के इलाज का खर्च उठाने का वादा किया है. केएससीए ने भी 5 लाख रुपये प्रति मृतक की सहायता देने की घोषणा की है.
इस मामले में RCB, केएससीए और आयोजक कंपनी डीएनए नेटवर्क सहित कई पक्षों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने यह कार्रवाई स्वतः संज्ञान लेते हुए की है.


