अरुणाचल की सीमा चीन से नहीं, तिब्बत से लगती है: सीएम पेमा खांडू
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है.

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने हाल ही में एक साक्षात्कार में भू-राजनीतिक बयान देकर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके राज्य की अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन लगातार अरुणाचल प्रदेश के हिस्सों पर दावा जताता रहा है और राज्य के स्थानों के नाम भी बदलता रहा है.
खांडू ने कहा हमारी सीमा तिब्बत से लगती है
साक्षात्कार के दौरान जब उनसे पूछा गया कि अरुणाचल प्रदेश की सीमा चीन के साथ लगभग 1,200 किलोमीटर लंबी है, तो खांडू ने बीच में ही स्पष्ट करते हुए कहा कि मैं आपको सुधारना चाहूंगा, हमारी सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्बत से लगती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भले ही तिब्बत अब चीन के प्रशासन के अंतर्गत आता है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो यह क्षेत्र तिब्बत का रहा है. उन्होंने बताया कि अरुणाचल प्रदेश की सीमाएं तीन देशों से मिलती हैं. भूटान, तिब्बत और म्यांमार.
खांडू ने जोर देकर कहा कि भारत के किसी भी राज्य की सीमा सीधे चीन से नहीं मिलती, बल्कि तिब्बत से मिलती है, जिस पर चीन ने 1950 के दशक में अधिकार कर लिया था. उन्होंने 1914 के शिमला सम्मेलन का हवाला देते हुए कहा कि यह भारत और तिब्बत के बीच ऐतिहासिक सीमा को स्थापित करता है.
राज्य के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश
चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदलने पर प्रतिक्रिया देते हुए खांडू ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. मुझे लगता है कि यह उनका पांचवां प्रयास था, जिसमें उन्होंने हमारे राज्य के स्थानों के नाम बदलने की कोशिश की. लेकिन यह हमारे लिए चौंकाने वाली बात नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत का विदेश मंत्रालय इस पर पहले ही सख्ती से जवाब दे चुका है.


