'फ्रीक्वेंट फ्लायर प्रधानमंत्री...', मणिपुर पर PM मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस का करारा हमला
Manipur Violence: मणिपुर में ताजा हिंसा के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने पीएम को फ्रीक्वेंट फ्लायर बताते हुए उनकी चुप्पी और असंवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं. शनिवार रात मणिपुर के इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थोउबाल, कछिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से हिंसा भड़क उठी.

Manipur Violence: मणिपुर में एक बार फिर हालात बिगड़ने के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला है. पार्टी ने पीएम को 'फ्रीक्वेंट फ्लायर' बताते हुए आरोप लगाया कि वह मणिपुर की जनता के दर्द, पीड़ा और तकलीफ के प्रति पूरी तरह असंवेदनशील हैं. शनिवार रात राज्य के कई जिलों में भड़की हिंसा के बाद कांग्रेस ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री आखिर कब मणिपुर की सुध लेंगे?
कांग्रेस महासचिव और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं और प्रधानमंत्री न तो राज्य का दौरा कर रहे हैं, न ही वहां के नेताओं और संगठनों से संवाद. उन्होंने केंद्र सरकार पर गहरी उपेक्षा और संवेदनहीनता का आरोप लगाया.
मणिपुर के लोगों का दुख, पीड़ा और लाचारी अब भी थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले 24 घंटों में इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, थोउबाल, कछिंग और बिष्णुपुर-ये पांच जिले फिर से हिंसा की चपेट में आ चुके हैं।
फरवरी 2022 में बीजेपी ने मणिपुर विधानसभा चुनावों में अकेले अपने दम पर बहुमत हासिल… pic.twitter.com/ecqChscqTa— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 8, 2025
हिंसा की चपेट में मणिपुर
शनिवार रात मणिपुर के इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, थोउबाल, कछिंग और बिष्णुपुर जिलों में फिर से हिंसा भड़क उठी. लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया और सुरक्षाबलों से झड़प हुई, जिसके चलते बिष्णुपुर जिले में कर्फ्यू और अन्य जिलों में धारा 144 लागू करनी पड़ी. अफवाहों और गलत सूचनाओं को रोकने के लिए इन क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा, "उनके ढोल पीटने वाले कभी दावा करते थे कि उन्होंने यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध रुकवा दिया था. वह दावा बाकी दावों की तरह ही खोखला निकला. लेकिन अब सवाल यह है कि पीएम मणिपुर जाने का समय और इच्छाशक्ति कब दिखाएंगे?"
उन्होंने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने दुनिया के कई हिस्सों की यात्रा की, देश के अलग-अलग राज्यों में उद्घाटन किए, लेकिन मणिपुर के किसी राजनीतिक या सामाजिक संगठन से अब तक मुलाकात तक नहीं की. उन्होंने राज्य का प्रबंधन पूरी तरह गृह मंत्री को सौंप रखा है, जो इसमें बुरी तरह विफल हुए हैं."
कांग्रेस ने कहा कि पीएम मोदी की चुप्पी और निष्क्रियता पूरी तरह चौंकाने वाली और समझ से परे है. जयराम रमेश ने कहा, "फ्रीक्वेंट फ्लायर पीएम की मणिपुर की जनता के प्रति यह असंवेदनशीलता वाकई चौंकाने वाली है. प्रधानमंत्री पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं, जबकि मणिपुर के लोग उनकी उपेक्षा और संवेदनहीनता की कीमत चुका रहे हैं. यह सिर्फ मणिपुर की नहीं, पूरे देश की पीड़ा है."
राष्ट्रपति शासन के बावजूद स्थिति जस की तस
फरवरी 2025 में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि इससे जमीनी हालात में कोई सुधार नहीं हुआ. रमेश ने बताया, "राज्यपाल को भी इंफाल एयरपोर्ट से अपने आवास तक हेलीकॉप्टर से जाना पड़ा, क्योंकि सड़क मार्ग सुरक्षित नहीं था."
जयराम रमेश ने कहा, "बीजेपी ने फरवरी 2022 में मणिपुर में स्पष्ट बहुमत हासिल किया था, लेकिन महज पंद्रह महीने बाद 3 मई 2023 की रात से मणिपुर को जलने के लिए छोड़ दिया गया. सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या हुई, हजारों बेघर हो गए, और पूजा स्थल तक नष्ट कर दिए गए."
उन्होंने यह भी जोड़ा कि "गृह मंत्री का दौरा औपचारिकता भर था, और पीएम ने न तो बयान दिया, न किसी से मुलाकात की. जब तक कांग्रेस ने विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव की चेतावनी नहीं दी, तब तक राष्ट्रपति शासन नहीं लगाया गया."
मणिपुर हिंसा की पृष्ठभूमि
मणिपुर में मई 2023 से ही मेइती और कुकी-जोमी समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है. हिंसा की शुरुआत एक ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च के बाद हुई थी, जिसमें कुकी समुदाय ने हाईकोर्ट के एक आदेश का विरोध किया था. इसमें अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.


