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41 साल पुराने मामले में रिटायर्ड IPS कुलदीप शर्मा को कोर्ट ने 3 महीने जेल की सुनाई सजा 

इस मामले की शुरुआत 6 मई 1984 को हुई, जब कच्छ जिले के नालिया शहर से एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें शिकायतकर्ता शंकर जोशी, कांग्रेस नेता अब्दुल हाजी इब्राहिम और स्थानीय विधायक शामिल थे, भुज स्थित एसपी कार्यालय में शर्मा से मिलने गए थे. प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों को परेशान करने का मुद्दा उठाया.

IPS Kuldeep Sharma: गुजरात की एक अदालत ने 41 साल पहले कच्छ में कांग्रेस नेता पर हमले और उन्हें गलत तरीके से बंधक बनाने के मामले में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा को दोषी ठहराते हुए तीन महीने की जेल की सजा सुनाई. यह मामला 1984 का है जब शर्मा कच्छ के पुलिस अधीक्षक के पद पर थे. इसके अलावा, अदालत ने पूर्व पुलिस निरीक्षक जी एच वासवदा को भी तीन महीने की सजा और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

इस मामले की शुरुआत 6 मई 1984 को हुई, जब कच्छ जिले के नालिया शहर से एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें शिकायतकर्ता शंकर जोशी, कांग्रेस नेता अब्दुल हाजी इब्राहिम और स्थानीय विधायक शामिल थे, भुज स्थित एसपी कार्यालय में शर्मा से मिलने गए थे. प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस द्वारा निर्दोष लोगों को परेशान करने का मुद्दा उठाया. शर्मा को जब पता चला कि इब्राहिम इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, तो उन्होंने इब्राहिम को बगल के कमरे में ले जाकर डंडे से उनकी पिटाई की. इस हमले में वासवदा और अन्य आरोपी भी शामिल थे.

हाईकोर्ट ने याचिका की थी खारिज

शिकायत दर्ज होने के बाद, शर्मा के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई. शर्मा ने उच्च न्यायालय में मामले को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया. इसके बाद उन्होंने जमानत के लिए भुज की अदालत में आवेदन किया, जिसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद शर्मा ने उच्च न्यायालय का रुख किया, जहां उनकी याचिका स्वीकार कर ली गई. 

साल 2012 से मामले में आई तेजी

इस बीच, फरवरी 2012 में राज्य सरकार ने शर्मा और वासवदा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी. शर्मा ने इस स्वीकृति को चुनौती दी और मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा. उच्चतम न्यायालय ने भुज की अदालत को तीन महीने के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया. 

अंततः अदालत ने शर्मा और वासवदा को भारतीय दंड संहिता की धारा 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) के तहत दोषी ठहराया और उन्हें तीन महीने की सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

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10 February 2025, 09:40 PM IST

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