score Card

जयदेव अस्पताल में बढ़ी भीड़, दिल की जांच को लेकर लोग चिंतित

कर्नाटक के हासन में दिल के दौरे से मौतों की खबरों ने लोगों में डर पैदा कर दिया है. मैसूर के जयदेव अस्पताल में हज़ारों लोग हृदय जांच के लिए पहुंच रहे हैं. डॉक्टरों ने घबराने के बजाय जीवनशैली में सुधार और नियमित व्यायाम की सलाह दी है.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

कर्नाटक के हसन जिले में हाल ही में अचानक हुए हृदयाघात (Heart Attack) से हुई मौतों ने पूरे राज्य में चिंता की लहर फैला दी है. इन घटनाओं के बाद, हज़ारों लोग हृदय संबंधी जांच कराने के लिए मैसूर के प्रसिद्ध जयदेव अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं. अस्पताल से प्राप्त दृश्यों में सुबह से ही लंबी कतारों में खड़े लोग दिख रहे हैं, जो बाह्य रोगी परामर्श (OPD) के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

जयदेव अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के.एस. सदानंद ने बताया कि मीडिया में आई खबरों के बाद लोगों में घबराहट फैल गई है, जिससे मरीजों की संख्या में रोज़ाना इज़ाफा हो रहा है. उन्होंने जनता से अपील की कि वे अफवाहों के आधार पर घबराकर सिर्फ जयदेव अस्पताल की ओर न भागें. डॉ. सदानंद ने कहा, “यह सच है कि अचानक हृदयाघात के मामलों में वृद्धि चिंताजनक है, लेकिन हर किसी को सिर्फ एक अस्पताल में जांच कराने की ज़रूरत नहीं. लोग अपने नजदीकी अस्पतालों में जाकर भी जांच करा सकते हैं.”

जयदेव अस्पताल में बढ़ी भीड़

उन्होंने स्पष्ट किया कि एक बार की जांच हृदय संबंधी जोखिम को पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकती. इसके लिए जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी है, जैसे संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और धूम्रपान व शराब से दूरी. यदि सब लोग जयदेव अस्पताल ही आते रहे, तो इससे मौजूदा गंभीर मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है.

दिल की जांच को लेकर लोग चिंतित

बेंगलुरु और मैसूर की जयदेव अस्पताल शाखाओं में मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. बेंगलुरु स्थित अस्पताल में करीब 8 प्रतिशत अधिक मरीज आ रहे हैं. यह रुझान हसन जिले में 40 दिनों के भीतर दिल के दौरे से हुई 23 मौतों के बाद शुरू हुआ. मृतकों में से छह की उम्र 19 से 25 साल और आठ की उम्र 25 से 45 साल के बीच थी, जिससे युवाओं में भी डर फैल गया है.

मैसूरु अस्पताल में रोज़ बढ़ रही भीड़

इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक विशेषज्ञ समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता जयदेव हृदय रोग संस्थान के निदेशक डॉ. के.एस. रवींद्रनाथ कर रहे हैं. समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी है, जिसमें हसन जिले को एक अलग केस स्टडी के रूप में देखने और स्थानीय कारणों की विस्तृत जांच की सिफारिश की गई है.

राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस रिपोर्ट के आधार पर नीतिगत कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

calender
10 July 2025, 11:22 AM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag