दिल्ली एयरपोर्ट की लापरवाही आई सामने, महीनों पहले ATC ने टेक्निकल ग्लिच की दी थी जानकारी
दिल्ली हवाई अड्डे की तकनीकी विफलता ने सैकड़ों उड़ानों को प्रभावित किया और भारत की पुरानी एटीसी प्रणालियों की कमजोरियां उजागर कर दीं। महीनों से मिली चेतावनियों के बावजूद उन्नयन नहीं हुआ। AMSS खराब होने से संचालन मैन्युअल चला। जांच जारी है और सरकार सिस्टम को मजबूत करने की तैयारी कर रही है.

नई दिल्लीः दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर इस सप्ताह एक तकनीकी प्रणाली की विफलता ने हवाई यात्रा को बाधित कर दिया, जिससे सैकड़ों उड़ानें विलंबित और कुछ रद्द हो गईं. यह घटना देश की पुरानी और धीरे-धीरे विकसित होती वायु यातायात नियंत्रण (एटीसी) प्रणालियों की कमजोरियों को उजागर करती है.
पुरानी प्रणालियों की चेतावनी
महीनों पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स गिल्ड (इंडिया) ने अधिकारियों को आगाह किया था कि प्रमुख हवाई अड्डों जैसे दिल्ली और मुंबई पर स्वचालन प्रणालियों में लगातार धीमापन और डेटा प्रोसेसिंग में देरी हो रही है. जुलाई 2025 में गिल्ड ने सरकार और विमानन अधिकारियों को पत्र लिखा था, जिसमें हवाई नेविगेशन सिस्टम की समीक्षा और वैश्विक मानकों के अनुरूप उन्नयन की आवश्यकता पर जोर दिया गया था.
पत्र में विशेष रूप से एआई-आधारित उपकरणों, वास्तविक समय डेटा साझा करने और भविष्यवाणी करने वाले टूल की कमी को उजागर किया गया था. गिल्ड ने कहा था कि उन्नयन में देरी न केवल परिचालन दक्षता को प्रभावित करेगी बल्कि सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा कर सकती है.
समस्या का मूल कारण
इस सप्ताह की विफलता स्वचालित संदेश स्विचिंग प्रणाली (AMSS) में आई, जो भारत के हवाई यातायात प्रबंधन की डिजिटल रीढ़ मानी जाती है. AMSS उड़ान योजनाओं, मौसम डेटा और संचार संदेशों को नियंत्रकों, रडार और पायलटों के बीच स्वचालित रूप से साझा करती है.
जब यह प्रणाली ठप हो गई, तो नियंत्रकों को मैन्युअल रूप से उड़ान योजनाएं तैयार और साझा करनी पड़ीं. फोन और हाथ से लिखे अनुमोदन के जरिए संचालन धीमा हो गया और मानवीय त्रुटियों का खतरा बढ़ गया.
विलंब और रद्द उड़ानें
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अनुसार, यह समस्या गुरुवार शाम से शुरू हुई और शुक्रवार सुबह तक गंभीर बनी रही. 15 घंटे से अधिक समय तक 800 से अधिक उड़ानें विलंबित रहीं और लगभग 100 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के इंजीनियरों की मदद से शुक्रवार रात तक समस्या का समाधान किया गया.
शनिवार तक दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल) ने सभी उड़ानों के सामान्य संचालन की पुष्टि की, लेकिन एयरलाइनों को बकाया उड़ानों को पूरा करने के लिए शेड्यूल समायोजन जारी रखना पड़ा.
चेतावनी अनसुनी
हाल की समस्या उस चेतावनी को दोहराती है जिसे एटीसी गिल्ड और संसदीय समिति ने जुलाई में दी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में हवाई यातायात में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन तकनीकी उन्नयन उसी गति से नहीं हुआ. पुरानी प्रणालियां न केवल संचालन धीमा करती हैं, बल्कि नियंत्रकों पर अत्यधिक मानसिक दबाव डालती हैं.
समिति ने एटीसी स्वचालन के त्वरित आधुनिकीकरण, मौजूदा सिस्टम का तकनीकी ऑडिट और एआई-संचालित संघर्ष समाधान उपकरणों को अपनाने की सिफारिश की थी.
भविष्य के लिए कदम
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मंत्री राम मोहन नायडू ने समस्या की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अब सिस्टम पूरी तरह बहाल हो गया है और अधिकारियों को मूल कारणों का विश्लेषण करने तथा नेटवर्क की लचीलापन बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.


