सदर बाजार से उठी नकली पनीर की बदबू, त्योहार की मिठास में छिपा मौत का खतरनाक ज़हरीला खेल
त्योहारी भीड़ में दिल्ली के बाजारों में नकली पनीर की भरमार हो गई है। यूरिया और डिटर्जेंट से बने इस पनीर ने लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा पैदा कर दिया है।

National News: त्योहारी सीजन शुरू होते ही दिल्ली के कई बाजारों में नकली पनीर की बिक्री तेज़ हो गई है। दुकानदार यूरिया,डिटर्जेंट और टिनोपाल जैसे खतरनाक केमिकल मिलाकर पनीर बना रहे हैं। इस नकली पनीर को खाने से किडनी, लीवर और दिल की बीमारियां हो सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसा पनीर खाने से डायबिटीज और अन्य गंभीर रोगों का भी खतरा बढ़ जाता है। असली पनीर की कमी और ज्यादा मुनाफे की लालच में ये धंधा तेजी से फैल रहा है।
सस्ते पनीर के चक्कर में बिक रही मौत
दिल्ली का सदर बाजार नकली पनीर का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है। यहां दुकानों पर आसानी से 150 या 200 रुपए किलो का पनीर मिल रहा है। जबकि असली पनीर की कीमत 340 से 400 रुपए किलो तक होती है। स्थानीय व्यापारी धीरज अरोड़ा का कहना है कि जब दूध 79 रुपए किलो है, तो इतना सस्ता पनीर कैसे संभव है। उन्होंने चेतावनी दी कि सस्ते पनीर के चक्कर में लोग अपनी सेहत को दांव पर लगा रहे हैं।
पहचानना जरूरी है असली पनीर
धीरज अरोड़ा बताते हैं कि असली पनीर काटने पर अंदर से चिकनाईदार होता है, ऊपर से नहीं। पकाने पर यह नरम हो जाता है और मुंह में रखते ही घुल जाता है। इसे हाथों से मसलने पर यह आसानी से टूट जाता है और दूध की खुशबू आती है। खाने पर भी दूध का असली स्वाद मिलता है। इसे पहचानने के लिए किसी केमिकल या आयोडीन की जरूरत नहीं है। थोड़ी सावधानी से घर बैठे ही पहचान की जा सकती है।
ऐसे पहचानें नकली पनीर
नकली पनीर के ऊपर हमेशा चिकनाई रहती है, लेकिन अंदर सूखा होता है। इसे मसलने पर यह रबड़ की तरह खिंचता है और पकाने पर भी सख्त रहता है। खाने पर दूध का स्वाद नहीं मिलता, बल्कि केमिकल की दुर्गंध आती है। यह पनीर चबाने में मुश्किल होता है और मुंह में आसानी से नहीं घुलता। बाजार में 100 से 150 रुपए किलो मिलने वाला पनीर लगभग हमेशा नकली ही होता है।
व्यापारियों पर पड़ा असर
असली पनीर बेचने वाले कारोबारी नकली पनीर बेचने वालों से परेशान हैं। ग्राहक असली पनीर को महंगा मानकर नकली खरीद लेते हैं। धीरज अरोड़ा कहते हैं कि जब ग्राहक तुलना करते हैं तो सस्ते दाम देखकर असली पनीर को ठुकरा देते हैं। इससे असली कारोबारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। नकली व्यापारियों की वजह से असली कारोबार धीरे-धीरे खत्म होने की कगार पर पहुंच रहा है।
ग्राहकों को सतर्क रहने की ज़रूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि त्योहारों के समय ग्राहकों को खास सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें केवल भरोसेमंद दुकानों से ही पनीर खरीदना चाहिए और बहुत सस्ते दाम देखकर लालच में नहीं आना चाहिए। अगर कोई पनीर असली कीमत से काफी कम पर बिक रहा है, तो समझ लें कि उसमें मिलावट है। थोड़ी समझदारी से ही लोग अपने परिवार की सेहत बचा सकते हैं।
प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ी
बाजार में मिलावटखोरों पर कार्रवाई करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। बार-बार चेतावनी के बावजूद नकली पनीर की बिक्री रोकने में नाकामी सरकार और एजेंसियों की लापरवाही को दिखाती है। त्योहारों में नकली पनीर का खेल न सिर्फ सेहत के लिए खतरनाक है, बल्कि यह कानून का भी खुला उल्लंघन है। अब समय आ गया है कि सख्त कदम उठाकर मिलावटखोरी पर लगाम लगाई जाए।


