दो साल बाद आयुष्मान खुराना की बड़े पर्दे पर वापसी, दिवाली पर 'थम्मा' करेगी बड़ा धमाका?
Ayushmann Khurrana latest film: आयुष्मान खुराना के लिए ‘थम्मा’ एक बड़ी फिल्म है, जो उनके करियर को नई दिशा दे सकती है. पिछले कुछ सालों में उनकी कई फिल्में फ्लॉप रहीं, लेकिन ‘थम्मा’ एक अनोखा प्रयोग और मौका है, जो उनकी प्रतिभा को फिर से साबित कर सकता है.

Ayushmann Khurrana latest film: आयुष्मान खुराना की फ़िल्मी यात्रा में बीते छह साल चुनौतीपूर्ण रहे हैं. जहां 'बाला' (2019) और 'ड्रीम गर्ल 2' (2023) जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता का स्वाद चखाया, वहीं उनके बाकी प्रोजेक्ट्स उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके. अब 'थम्मा' दिवाली पर रिलीज़ होने जा रही है, जो न सिर्फ एक नई शैली की फिल्म है, बल्कि उनके करियर को दोबारा रफ्तार देने का एक अहम मौका भी बन सकती है.
लगातार असफलताओं के बीच आई राहत की उम्मीद
'बाला' और 'ड्रीम गर्ल 2' को छोड़ दें, तो आयुष्मान की अधिकतर फिल्में, जैसे ‘एन एक्शन हीरो’, ‘डॉक्टर जी’, ‘अनेक’ और ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ बॉक्स ऑफिस पर असफल रहीं. 2024 में अभिनेता की कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई, जिससे उनकी लोकप्रियता और करियर की दिशा को लेकर सवाल उठने लगे थे.
'थम्मा' क्यों है खास?
मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले बनी ‘थम्मा’ एक अनोखा प्रयोग है. इसमें आयुष्मान एक ऐसे किरदार में नजर आ रहे हैं जो आधा इंसान और आधा वैम्पायर है. यह फिल्म न सिर्फ डार्क कॉमेडी और थ्रिलर का मेल है, बल्कि इसमें उनका जाना-पहचाना हास्य भी देखने को मिलेगा. यह फिल्म मैडॉक की सफल हॉरर-कॉमेडी यूनिवर्स का हिस्सा है, जिसमें पहले ‘स्त्री’, ‘मुंज्या’ और आने वाली ‘स्त्री 2’ शामिल हैं. इस दुनिया में ‘थम्मा’ का जुड़ना, स्टूडियो और खुराना दोनों के लिए बड़ी जिम्मेदारी है.
एक अभिनेता, एक प्रयोग
आयुष्मान खुराना को आमतौर पर सामाजिक मुद्दों पर बनी कॉमेडी फिल्मों के लिए जाना जाता है. लेकिन ‘थम्मा’ में उन्होंने फैंटेसी, रोमांच और डार्क एलिमेंट्स से भरपूर दुनिया में कदम रखा है. यह उनके लिए जोखिम भी है और एक रचनात्मक अवसर भी. फिल्म का निर्देशन आदित्य सरपोतडकर ने किया है, जो पहले ‘मुंज्या’ बना चुके हैं. उनका निर्देशन एक नई सिनेमाई शैली की झलक देता है जो आयुष्मान के अभिनय की विविधता के लिए सही मंच हो सकता है.
दिवाली की रोशनी में एक नई चमक
हालांकि 'थम्मा' को ‘स्त्री’ जैसी एडवांस हाइप नहीं मिली है, लेकिन मैडॉक की फिल्मों की खासियत रही है कि वे लंबी अवधि तक चलती हैं. अगर फिल्म को शुरुआती रिस्पॉन्स अच्छा मिला, तो यह बॉक्स ऑफिस पर धीरे-धीरे मजबूत पकड़ बना सकती है.
यह फिल्म आयुष्मान के लिए सिर्फ एक और रिलीज नहीं, बल्कि एक निर्णायक मोड़ हो सकती है. ‘थम्मा’ उनके लिए एक तरह से सिनेमाई पुनर्जन्म हो सकती हैं, जिसमें वे एक बार फिर साबित कर सकते हैं कि उनका सुनहरा दौर अभी खत्म नहीं हुआ.


