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बिहार में AIMIM प्रत्याशी के नामांकन में कैसे बिरयानी पर टूट पड़े लोग, देखें वीडियो

Bihar Assembly elections 2025: बिहार के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में AIMIM प्रत्याशी तौसीफ आलम की बिरयानी दावत के दौरान भारी भीड़ में लूटपाट मची. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें समर्थक जोर-जबरदस्ती से बिरयानी लेने की कोशिश करते दिखे. इस घटना ने चुनावी आयोजनों में अनियमितता और प्रशासनिक चुनौतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सियासी माहौल दिन-ब-दिन गरम होता जा रहा है. इस दौरान नेताओं के नामांकन के वक्त समर्थकों की भारी भीड़ जुटना आम बात हो गई है. लेकिन किशनगंज के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र में ऐसा मामला सामने आया है जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. यहां एक प्रत्याशी के नामांकन से पहले आयोजित बिरयानी की दावत के दौरान अचानक बिरयानी की जमकर लूट मची. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें लोग खाने के लिए एक-दूसरे पर चढ़ते और किसी भी तरह से बिरयानी हड़पने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं.

बिरायानी दावत में भगदड़

किशनगंज जिले के बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से AIMIM के प्रत्याशी तौसीफ आलम ने नामांकन के पहले अपने समर्थकों के लिए बिरयानी की एक दावत रखी थी. लेकिन इस आयोजन में ऐसी अफरा-तफरी मच गई कि बिरयानी के लिए लोगों में जबरदस्त भगदड़ मच गई. वीडियो में साफ दिख रहा है कि लोग मौके का फायदा उठाकर बिना पैसे दिए बिरयानी पर हाथ साफ कर रहे हैं. इस हंगामे के कारण बिरयानी का वितरण पूरी तरह से नियंत्रित नहीं हो पाया और यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई.

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

इस वीडियो में बिरयानी खाने के लिए बड़ी संख्या में लोग एक-दूसरे पर चढ़ते, धक्का-मुक्की करते और जोर-जबरदस्ती से खाने की कोशिश करते दिख रहे हैं. कई समर्थक तो अपनी जेब से पैसे निकालकर बिरयानी खरीदने की बजाय इसे झपटने में लगे हुए थे. वीडियो में यह स्थिति देखने के बाद लोगों में इस घटना को लेकर चर्चा शुरू हो गई कि चुनाव के दौरान नेताओं द्वारा आयोजित आयोजनों में भीड़ पर नियंत्रण कितना मुश्किल हो जाता है.

चुनावी माहौल में उठ रहे सवाल

इस घटना के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या नेताओं के द्वारा चुनावी दावतों में इस तरह की अनियमितता और अराजकता उचित है? समर्थकों के बीच ऐसी भीड़भाड़ और लूटपाट से चुनावी प्रक्रिया की साख पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं. साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि जनता के बीच चुनावी माहौल किस तरह से प्रभावित हो रहा है और क्या चुनाव के दौरान इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन प्रभावी कदम उठा पा रहा है.

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17 October 2025, 11:16 AM IST

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