मेधा पाटकर मामले में दिल्ली LG से कोर्ट ने मांगा जवाब, सजा भी निलंबित
Medha Patkar Case: साकेत कोर्ट ने दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की ओर से दाखिल मानहानि केस मामले में मेधा पाटकर को सजा सुनाया था. लेकिन अब इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर लगे मानहानि मामले में दायर अपील पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

Medha Patkar Case: समाज सेविका मेधा पाटकर का एक मामला कई दिनों से चल रहा है. दिल्ली के राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इन पर एक आपराधिक मानहानि केस दायर की थी. इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पांच महीने के जेल की सजा सुनाई थी. दरअसल मेधा पाटकर को मानहानि का दोषी पाया गया था और उन्हें सक्सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने लिए मुआवजे के रूप में 10 लाख रुपये देने को कहा गया था.
अब इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर पर लगे मानहानि मामले में दायर अपील पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी. कोर्ट ने मेधा पाटकर को दी गई 5 महीने की सजा को निलंबित कर दिया है. कोर्ट ने 25,000 रुपये के जमानत बांड और इतनी ही राशि की जमानत पर पाटकर को भी जमानत दे दी है. उन्होंने 1 जुलाई के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी.
क्या है वीके सक्सेना से कनेक्शन
मेधा पाटकर और विनय सक्सेना के बीच साल 2000 से कानूनी लड़ाई चल रही है, जब पाटकर ने उनके और नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) के खिलाफ विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पाटकर के खिलाफ मुकदमा दायर किया था. मामला जनवरी 2001 का है, जब सक्सेना ने आरोप लगाया था कि पाटकर ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से झूठे आरोप लगाए गए थे.
Delhi's Saket Court issues notice to the Delhi LG VK Saxena and seeks reply on the appeal filed by social activist Medha Patkar in a defamation case. The matter is listed on September 4.
The court suspends the 5 month sentence given to Medha Patkar.
The court has also granted…— ANI (@ANI) July 29, 2024
क्या है पूरा मामला
मेधा पाटकर के खिलाफ वीके सक्सेना ने आपराधिक मानहानि का केस अहमदाबाद की कोर्ट में 2001 में दायर किया था. गुजरात के ट्रायल कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया था. बाद में 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई गुजरात से दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रांसफर कर दिय था. मेधा पाटकर ने 2011 में अपने को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की बात कही. वीके सक्सेना ने जब अहमदाबाद में केस दायर किया था उस समय वो नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज के अध्यक्ष थे.
कौन है मेधा पाटकर
मेधा पाटकर का जन्म 1 दिसम्बर 1954 को मुंबई में हुआ था. ये भारत की प्रसिद्ध समाज सेविका के रूप में जानी जाती हैं. उन्हें 'नर्मदा घाटी की आवाज़' के रूप में पूरी दुनिया में जाना जाता है. गांधीवादी विचारधारा से प्रभावित मेधा पाटकर ने 'सरदार सरोवर परियोजना' से प्रभावित होने वाले लगभग 37 हज़ार गांवों के लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ी है. उन्होंने महेश्वर बांध के विस्थापितों के आंदोलन का भी नेतृत्व किया.


