दलाई लामा को भारत रत्न देने की मांग तेज़, सांसदों ने केंद्र को लिखा समर्थन पत्र
तिब्बती समुदाय के समर्थन में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को भारत रत्न प्रदान किया जाए.

तिब्बती समुदाय के समर्थन में एक सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को भारत रत्न प्रदान किया जाए. साथ ही उन्होंने मांग की है कि दलाई लामा को संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करने का मौका भी दिया जाए. हालांकि, यह कदम चीन की नाराज़गी का कारण बन सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार, यह मांग "तिब्बत के लिए सर्वदलीय भारतीय संसदीय मंच" द्वारा की गई है, जिसमें बीजेपी, बीजेडी और जेडीयू जैसे दलों के सांसद शामिल हैं. मंच की दूसरी बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया.
दस सदस्यीय समिति बनाई गई
इस अभियान के तहत एक दस सदस्यीय समिति बनाई गई है, जिसने दलाई लामा को भारत रत्न देने के समर्थन में लगभग 80 सांसदों के हस्ताक्षर एकत्र किए हैं. इस ज्ञापन को जल्द ही प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा. मंच का लक्ष्य 100 सांसदों के हस्ताक्षर प्राप्त करने का है. राज्यसभा सांसद सुजीत कुमार ने बताया कि इस हस्ताक्षर अभियान को विपक्षी दलों का भी समर्थन मिल रहा है. कुछ सांसदों ने इस पहल के समर्थन में वीडियो संदेश भी भेजे हैं.
दलाई लामा का 90वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया
कुमार ने यह भी कहा कि वे लोकसभा और राज्यसभा के अध्यक्षों को पत्र लिखकर संसद का संयुक्त सत्र बुलाने की मांग करेंगे, जिसमें दलाई लामा को संबोधन का अवसर दिया जा सके. इसी बीच, दलाई लामा का 90वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया. हजारों श्रद्धालु त्सुगलागखांग मंदिर परिसर में एकत्र हुए. इस समारोह में केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू, सांसद राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम सरकार के मंत्री सोनम लामा और हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेरे जैसे प्रमुख लोग उपस्थित रहे.
इस आयोजन से कुछ दिन पहले दलाई लामा ने स्पष्ट किया कि उनका संस्थान जारी रहेगा और भविष्य में उनके पुनर्जन्म की मान्यता का अधिकार केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास होगा, जिससे उनकी संस्था को लेकर चल रही अटकलें समाप्त हो गई हैं.


