सड़क हादसे में बाल-बाल बचे उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, पांच सुरक्षाकर्मी घायल
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार एक सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गए, जब उनके काफिले की गाड़ी श्रीरंगपटना में डिवाइडर से टकरा कर पलट गई. हादसे में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हुए. सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और वीआईपी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार शनिवार को एक सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बच गए. यह हादसा उस समय हुआ जब वे मैसूर से बेंगलुरु लौट रहे थे. श्रीरंगपटना तालुका के पास, गौडाहल्ली गांव के नजदीक उनके काफिले की एक गाड़ी तेज़ रफ्तार में डिवाइडर से टकराकर पलट गई. हादसे में गाड़ी में सवार पांच सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिनमें ड्राइवर भी शामिल है.
काफिले की गाड़ी एक्सप्रेसवे पर पलटी
यह घटना उस समय घटी जब उपमुख्यमंत्री का काफिला एक्सप्रेसवे पर तेज गति से आगे बढ़ रहा था. जानकारी के अनुसार, एस्कॉर्ट वाहन के ड्राइवर ने अचानक नियंत्रण खो दिया, जिससे गाड़ी डिवाइडर से टकराकर दूसरी ओर पलट गई. टक्कर इतनी ज़ोरदार थी कि कार का संतुलन बिगड़ गया और वह बगल की सड़क पर जा गिरी.
घायलों की हालत स्थिर, अस्पताल में भर्ती
हादसे के तुरंत बाद, मौके पर मौजूद पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने घायलों को तत्काल एंबुलेंस से मैसूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. घायल सुरक्षाकर्मियों की पहचान नागराजू, महेश, कार्तिक और अन्य दो कर्मियों के रूप में हुई है. चिकित्सकों के अनुसार, सभी घायलों की हालत अब स्थिर है, लेकिन उन्हें कुछ दिन निगरानी में रखा जाएगा.
डीके शिवकुमार ने दिए त्वरित उपचार के निर्देश
घटना की जानकारी मिलते ही डीके शिवकुमार ने राहत जताई कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ और उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि घायलों के इलाज में कोई कोताही न बरती जाए. साथ ही, उन्होंने घायलों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उनका हालचाल भी जाना.
पुलिस ने दर्ज किया मामला
श्रीरंगपट्टनम ग्रामीण पुलिस थाने में इस हादसे को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालादंडी ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और जांच अधिकारियों से हादसे की विवरणात्मक रिपोर्ट मांगी. पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि यह दुर्घटना चालक की थकावट या लापरवाही के कारण हुई हो सकती है, हालांकि सीसीटीवी फुटेज और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर विस्तृत जांच की जा रही है.
सुरक्षा व्यवस्थाओं पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद वीआईपी काफिलों की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अक्सर तेज रफ्तार और पर्याप्त विश्राम न मिलने की वजह से एस्कॉर्ट ड्राइवर दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं. सरकार से यह मांग उठने लगी है कि ऐसे काफिलों के लिए बेहतर प्रशिक्षण और रोटेशन प्रणाली अपनाई जाए.


