वैष्णो देवी से बिना दर्शन किए लौट रहे श्रद्धालु, भूस्खलन में अब तक 34 लोगों की मौत, 58 ट्रेनें रद्द
जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर के यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में अब तक 34 श्रद्धालुओं की जान चली गई है. जबकि 22 अन्य घायल हो गए. इस भयावह घटना के बाद यात्रा को तत्काल रोक दिया गया है और करीब 4000 श्रद्धालु कटड़ा में इंतजार कर रहे हैं. दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात को और गंभीर बना दिया है.

Vaishno Devi Landslide: माता वैष्णो देवी के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं का यात्रा काफी दुःखद मोड़ पर आ गई. जम्मू और कश्मीर के कटड़ा में स्थित इस पवित्र स्थल के मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास पहाड़ खिसकने से भारी मलबा गिर गया. इस दुर्घटना में 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 22 लोग हो गए. घायल श्रद्धालुओं का इलाज कटड़ा के नारायणा अस्पताल में चल रहा है. वैष्णो देवी यात्रा को घटना के बाद से अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है. वहीं बड़ी संख्या में श्रद्धालु बिना दर्शन के ही घर लौटने लगे हैं जबकि 4000 से अधिक यात्री कटड़ा में यात्रा शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं.
भूस्खलन के बाद से यात्रा मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गया है और यात्रा ट्रैक को ठीक करने में अभी कुछ समय लग सकता है. इस प्राकृतिक आपदा के कारण जम्मू और कश्मीर के अन्य हिस्सों में भी भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति बन गई है.
फंसे हुए यात्री
मंगलवार तक जम्मू और कटड़ा के होटलों और गेस्ट हाउसों में करीब 20 हजार श्रद्धालु ठहरे हुए थे. मंगलवार दोपहर बाद अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन के कारण पहाड़ से भारी मलबा गिरने से यात्रा मार्ग का एक 200 फीट का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. मलबा हटाने और मरम्मत का काम जारी है लेकिन इसमें समय लग सकता है.
बारिश कारण उत्पन्न संकट
मंगलवार से बुधवार सुबह तक उधमपुर में 629.4 मिमी और जम्मू में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई. जो पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक दिन में वर्षा का नया रिकॉर्ड है. इस भारी बारिश के कारण राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति बनी है जिससे अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है.
झेलम और अन्य नदियों का जलस्तर
बुधवार दोपहर बाद जम्मू में मौसम में सुधार हुआ, लेकिन कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के कारण झेलम और अन्य नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है. श्रीनगर के राजबाग क्षेत्र में पानी भरने के कारण पुलिस ने वहां से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाल लिया.
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य
जम्मू संभाग के किश्तवाड़ और अनंतनाग में भी बाढ़ ने तबाही मचाई. किश्तवाड़ के वाढवन में मंगलवार रात बादल फटने से 10 मकान बह गए. वहीं अनंतनाग जिले में लिद्दर नदी में फंसे 22 लोगों को एसडीआरएफ के जवानों ने सुरक्षित निकाल लिया. शेषनाग नाले में बाढ़ आने से पहलगाम में चार इमारतों को नुकसान हुआ है.
मुआवजे का एलान
हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया गया है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक श्रद्धालु के परिवार को 9 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए हर मृतक के परिवार को 6 लाख रुपये देने का ऐलान किया.
प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य
बाढ़ के कारण जम्मू और उसके आसपास के क्षेत्रों से 25,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा गुरुवार को सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश जारी किया गया है. प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से यातायात बहाल कर दिया है हालांकि कुछ जगहों पर भूस्खलन और सड़क बहने के कारण वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है.


