ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुई थी पीएम मोदी-ट्रंप की बातचीत? जयशंकर ने लोकसभा में दिया विपक्ष के सवालों का जवाब
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लोकसभा में कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को समर्थन देने के खिलाफ वैश्विक मंचों पर उसकी असलियत उजागर की है. ऑपरेशन सिंदूर इसकी एक मिसाल है और भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा.

विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने के इतिहास को उजागर करता आया है. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने बार-बार यह साबित किया है कि पाकिस्तान न केवल आतंकवादी संगठनों को पनाह देता है, बल्कि उन्हें बढ़ावा भी देता है.
जयशंकर ने कहा, "हमने विश्व नेताओं को यह समझाया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है और हमें अपने देश और नागरिकों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने का अधिकार है."
भारत केवल ऑपरेशन सिंदूर तक सीमित नहीं
विदेश मंत्री ने पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को और भी स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत की प्रतिक्रिया किसी एक ऑपरेशन तक सीमित नहीं रहेगी. उन्होंने दो टूक कहा, "सीमा पार से उत्पन्न आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति कठोर और निर्णायक रहेगी. ऑपरेशन सिंदूर केवल एक उदाहरण है. भारत की सुरक्षा और संप्रभुता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा."
पाकिस्तानी नागरिकों पर वीज़ा प्रतिबंध जारी रहेंगे
जयशंकर ने लोकसभा में यह भी बताया कि पाकिस्तान के नागरिकों पर लगाए गए वीज़ा प्रतिबंध पहले की तरह लागू रहेंगे. उन्होंने कहा, "यह प्रतिबंध भारत की व्यापक आतंकवाद-विरोधी रणनीति का हिस्सा है. हम ऐसे किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देंगे जो हमारी सुरक्षा को चुनौती दे." उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की नीति केवल जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि सक्रिय रोकथाम और रणनीतिक दबाव पर आधारित है.
दुनिया के सामने पाकिस्तान का 'असली चेहरा'
विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारत ने वैश्विक स्तर पर सफलतापूर्वक पाकिस्तान का 'असली चेहरा' दुनिया को दिखाया है. उन्होंने कहा कि भारत ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका का पर्दाफाश किया है, जिससे अब वैश्विक समुदाय भी इस बात को स्वीकार करने लगा है कि आतंकवाद की जड़ें कहां हैं. जयशंकर ने यह भी जोड़ा कि भारत अपने मित्र देशों और वैश्विक संस्थाओं के साथ मिलकर यह सुनिश्चित कर रहा है कि आतंकवाद के किसी भी रूप को समर्थन या संरक्षण न मिले.
राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि
विदेश मंत्री ने संसद को भरोसा दिलाया कि भारत की विदेश नीति और कूटनीतिक रणनीति पूरी तरह से राष्ट्रहित और सुरक्षा को प्राथमिकता देती है. जयशंकर ने दोहराया कि हम हर मंच पर यह संदेश स्पष्ट कर चुके हैं कि भारत की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा.


