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केरल सिनेमा में मचा बवाल, सैंड्रा थॉमस ने यौन अपराधियों के खिलाफ बुर्का को बनाया हथियार

अभिनेत्री और निर्माता सैंड्रा थॉमस ने प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन में नामांकन दाखिल करने के बाद प्रेस से बातचीत करते हुए बताया कि वह घूंघट क्यों पहनना चाहती हैं. उन्होंने इसका कारण साझा करते हुए कहा कि यह उनकी संस्कृति और परंपरा का सम्मान है, और यह उनके लिए एक खास प्रतीक है.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Sandra Thomas: मलयालम फिल्म उद्योग की प्रमुख अभिनेत्री और निर्माता सैंड्रा थॉमस ने हाल ही में केरल फिल्म निर्माता संघ (KFPA) के आगामी चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल करते हुए सबको चौंका दिया. खास बात यह रही कि सैंड्रा ने बुर्का पहनकर अपना नामांकन दाखिल किया, और इस कदम के पीछे उन्होंने यौन अपराधियों के विरोध में अपनी आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया जताई. उनका यह कदम उन आरोपियों के खिलाफ विरोध था, जो सत्ता के पदों पर बैठे हुए हैं और जो हाल ही में आगामी चुनावों में अध्यक्ष और सचिव के पदों के लिए भी उम्मीदवार हैं. सैंड्रा ने इस विरोध में बुर्का पहनने का कारण बताते हुए कहा कि यह कदम उनका व्यक्तिगत और सामाजिक संघर्ष है. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनके पूर्व अनुभवों के आधार पर यह निर्णय लिया गया था कि मौजूदा स्थिति में घूंघट पहनना उचित है.

सैंड्रा का बयान

सैंड्रा थॉमस ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वे काले बुर्के में दिखाई दे रही हैं. उन्होंने केएफपीए में अपना नामांकन दाखिल करते हुए कहा, 'अपने पिछले अनुभवों के आधार पर, मुझे लगता है कि मौजूदा पदाधिकारियों की मौजूदगी में घूंघट पहनना उचित है. यह उन चार आरोपियों के खिलाफ भी मेरा विरोध है, जिन पर एक गंभीर अपराध का आरोप है और जो अभी भी यहा. प्रशासक बने हुए हैं. इसके अलावा, वे आगामी अध्यक्ष और सचिव चुनाव भी लड़ रहे हैं.'

KFPA पर सैंड्रा का हमला

सैंड्रा ने KFPA पर भी आरोप लगाया कि यह संगठन महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा, 'यह एक ऐसा संगठन है जिस पर दशकों से दस-पंद्रह लोगों का एकाधिकार है. इसमें बदलाव ज़रूरी हैं.

सैंड्रा ने मलयालम सिनेमा के प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के बारे में कहा, 'किसी भी क्षेत्र में अगर कुछ लोग उस पर नियंत्रण रखेंगे, तो वह ठहर जाएगा और उसकी प्रगति रुक जाएगी.' यह अब फिल्म उद्योग के अन्य संगठनों से बहुत पीछे है क्योंकि मौजूदा नेतृत्व ने इसे इस स्थिति में पहुंचाया है.

सैंड्रा का संघर्ष

सैंड्रा थॉमस के लिए यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने मलयालम फिल्म उद्योग में यौन शोषण और शोषण के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है. हाल ही में, उन्होंने यह भी दावा किया था कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सितारों के लिए ड्रग्स खरीदने का आरोप लग चुका है.इसके बाद, नवंबर 2024 में, संगठनात्मक अनुशासन और नियमों के उल्लंघन के आरोप में उन्हें निर्माता संघ से निष्कासित कर दिया गया. उन्होंने KFPA सहित फिल्म संगठनों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए हेमा समिति की रिपोर्ट को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए थे. बाद में दिसंबर 2024 में एर्नाकुलम उप-न्यायालय ने उनके निष्कासन के आदेश पर रोक लगा दी थी. अब, सैंड्रा थॉमस ने KFPA के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है और इस बार भी उनका लक्ष्य वही है उद्योग में बदलाव लाना.

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28 July 2025, 07:01 PM IST

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