Russia Ukraine War: 12 दिन में युद्ध खत्म करो, वरना... यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप ने पुतिन को दी कड़ी चेतावनी
डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 10–12 दिनों की चेतावनी दी है कि यदि यूक्रेन युद्ध पर शांति समझौता नहीं होता, तो अमेरिका रूस पर सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा. ट्रम्प ने पहले 50 दिन की डेडलाइन दी थी, जिसे अब घटाकर 12 दिन कर दिया गया है. हालिया कीव हमले से नाराज ट्रम्प ने रूस की नीयत पर सवाल उठाए और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बढ़ा दिया.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर रूस 10 से 12 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने की दिशा में कदम नहीं उठाता, तो अमेरिका उसकी अर्थव्यवस्था पर नए और कड़े प्रतिबंध लगाएगा. ट्रम्प ने पहले रूस को 50 दिनों की डेडलाइन दी थी, लेकिन अब उन्होंने इस समय सीमा को घटा दिया है.
ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में एक बैठक से पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से बातचीत के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर नाराज़गी जताई. ट्रंप ने कहा, “मैं राष्ट्रपति पुतिन से निराश हूं. मैंने जो 50 दिन का समय दिया था, अब उसे कम कर रहा हूं, क्योंकि मुझे लगने लगा है कि आगे क्या होने वाला है, यह मुझे पहले से पता है.”
द्वितीयक शुल्क की चेतावनी दोहराई
ट्रंप ने एक बार फिर अपनी सख्त नीति को दोहराते हुए कहा कि वह रूस के खिलाफ द्वितीयक शुल्क लगाने की दिशा में गंभीर हैं और इस संबंध में आज रात या कल तक आधिकारिक घोषणा हो सकती है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने साफ कर दिया है कि अगर रूस शांति की ओर कदम नहीं बढ़ाता, तो उसके व्यापारिक साझेदारों पर भी कठोर आर्थिक दंड लगाए जाएंगे.
पहले भी दी थी 50 दिनों की डेडलाइन
आपको बता दें कि ट्रंप ने दो सप्ताह पहले स्पष्ट रूप से कहा था कि यदि अगले 50 दिनों में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर कोई शांति समझौता नहीं होता, तो वह रूस के अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संबंधों को निशाना बनाएंगे. उन्होंने वादा किया था कि रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर भी बहुत कड़े टैक्स और टैरिफ लगाए जाएंगे, ताकि युद्ध खत्म करने के लिए दबाव बनाया जा सके. यह बयान ऐसे समय पर आया है जब यूक्रेन युद्ध के हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ट्रंप के कड़े रुख को एक निर्णायक मोड़ के रूप में देख रहा है.
पूर्व सहमति और सीमित युद्धविराम
कुछ महीनों पहले ट्रम्प और पुतिन के बीच बातचीत के बाद रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा और आधारभूत संरचना पर हमलों को रोकने के लिए 30 दिन का सीमित युद्धविराम स्वीकार किया था. इस कदम को शांति वार्ता की दिशा में सकारात्मक माना गया था, लेकिन हालिया हमलों के बाद ट्रम्प का भरोसा कमजोर हुआ है. उन्होंने संकेत दिया कि अगर रूस ने अब भी पीछे हटने का रास्ता नहीं अपनाया, तो अमेरिका अकेले भी सख्त कदम उठाने को तैयार है.
कूटनीतिक दबाव और यूरोपीय देशों की भूमिका
इस मामले पर न केवल अमेरिका बल्कि यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और नाटो देश भी करीब से नजर बनाए हुए हैं. हाल ही में लंदन में हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यूरोपीय नेताओं ने कहा कि वे शांति की कोशिशों का स्वागत करते हैं, लेकिन यूक्रेन की संप्रभुता के साथ कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा. अमेरिका की तरफ से बढ़ते दबाव को कई विशेषज्ञ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की संयुक्त रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं.


