डीके शिवकुमार का संकेत या संयोग? ‘कुर्सी’ टिप्पणी से बढ़ीं नेतृत्व की अटकलें
डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य 2028 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में लाना है, न कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सार्वजनिक बहस करना.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शनिवार को फिर स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य 2028 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में लाना है, न कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सार्वजनिक बहस करना. हालांकि, उन्होंने 'कुर्सी' को लेकर की गई टिप्पणी से अटकलों को नया मोड़ दे दिया.
कार्यकाल पूरा करेंगे मुख्यमंत्री सिद्धारमैया
यह बयान ऐसे समय आया जब राज्य में नेतृत्व परिवर्तन और सत्ता-साझेदारी की चर्चाएं फिर जोर पकड़ रही हैं. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पहले ही कह चुके हैं कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और पद छोड़ने का कोई सवाल नहीं है. डीके शिवकुमार ने मीडिया से कहा कि यह फैसला पार्टी उचित समय पर लेगी. मैं इस मुद्दे पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि हमारी प्राथमिकता 2028 के चुनाव हैं.
हालांकि, बैंगलोर बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज़ में कहा कि कुर्सी ढूंढना मुश्किल होता है. जब मिल जाए, तो आकर बेड़ा पर बैठना होता है. उनकी इस टिप्पणी को राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद वकीलों से कहा कि यहां बहुत सारी कुर्सियां हैं, आइए और बैठिए. अगर खुद को देखें, तो त्यागी जैसे लगते हैं.
पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे सिद्धारमैया
शिवकुमार ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर पहले ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी प्रभारी रणदीप सुरजेवाला अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं और अब इस पर बार-बार बोलना उचित नहीं है. जब उनसे पार्टी के भीतर उनके समर्थन पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने हल्के अंदाज़ में कहा कि छोड़िए, आपमें से भी कई लोगों की आकांक्षाएं हैं. वहीं, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दोबारा दोहराया कि उनके पद को लेकर कोई रिक्ति नहीं है और वह पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इस प्रकार दोनों नेताओं ने सार्वजनिक रूप से फिलहाल एकजुटता दिखाने की कोशिश की है.


