Explainer : मंगल ग्रह तक पहुंचने में कितना समय लगता है? क्या इसे कम किया जा सकता है

Mars planet : अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा, चीन, सोवियत संघ के यानों ने मंगल की सतह पर पहुंचने में सफलता पाई है. वहीं भारत और यूएई के यान मंगल ग्रह की कक्षा पर पहुंचाए जा चुके हैं. आखिर इंसान को मंगल में पहुंचाने में कितना समय लगेगा. यह सवाल आपके दिमाग में कई बार आता होगा. इ

Pankaj Soni
Pankaj Soni

मंगल ग्रह पर जीवन की खोज के लिए दुनिया की महाशक्तियां लगातार प्रयास कर रही हैं. टेस्ला के सीईओ और मशहूर व्यवसायी एलन मस्क कई बार मंगल ग्रह में कॉलोनी बसाने की बात कह चुके हैं. फिलहाल दुनिया की बहुत सारी आंतरिक्ष एजेंसियां इसके लिए तैयारी भी कर रही हैं. अब तक अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा, चीन, सोवियत संघ के यानों ने मंगल की सतह पर पहुंचने में सफलता पाई है. वहीं भारत और यूएई के यान मंगल ग्रह की कक्षा पर पहुंचाए जा चुके हैं. आखिर इंसान को मंगल में पहुंचाने में कितना समय लगेगा. यह सवाल आपके दिमाग में कई बार आता होगा. इसको लेकर वैज्ञानिक लगातार नई तकनीक पर काम कर रहे हैं, क्योंकि तकनीक के जरिए ही मंगल में पहुंचने के समय को कम किया जा सकता है. 

मंगल पर पहुंचने में लगने वाला समय

मंगल पर पहुंचने में कितना समय लगता है इसके बारे में अभी तक सबसे प्रमाणिक आंकड़े नासा के पास हैं. एजेंसी के अनुसार एक बार में मंगल ग्रह पर पहुंचने में 9 महीने का समय लगता है, जबकि वापस आने में करीब 21 महीने का समय लग सकता है, क्योंकि मंगल और पृथ्वी के सबसे पास आने के लिए तीन महीने का समय लगेगा. जबकि नासा ने ही इससे कम समय में मंगल तक अपना रोवर पहुंचाया है.


दोनों ग्रहों के बीच की दूरी और समय

अगर हम मंगल में जाने की बात करते या सोचते हैं तो हमें सबसे पहले पृथ्वी से मंगल के बीच की दूरी के बारे में जान लेना चाहिए. मंगल सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है, जबकि पृथ्वी से दूसरा सबसे पास का ग्रह है. लेकिन दोनों के बीच की दूरी लगातार बदलती रहती है क्योंकि दोनों ही अपनी-अपनी कक्षा में सूर्य का चक्कर लगाते हैं. सैद्धांतिक तौर पर पृथ्वी और मंगल एक दूसरे के पास जब होते हैं तो उनके बीच की दूरी 5.46 करोड़ किलोमीटर होती है. जबकि दोनों के बीच की औसत दूरी 22.5 करोड़ किलोमीटर है.

ऊर्जा की पूर्ति करना बड़ा संकट है 

अगर प्रकाश की गति से यात्रा की जाए तो पृथ्वी से मंगल पर पहुंचने में सबसे कम दूरी का सफर करने से 3.11 मिनट का समय लगेगा. यदि नासा का सबसे तेज यान पार्कर सोलर प्रोब की गति 586,000 किलोमीटर प्रति घंटा की है. इस गति से मंगल पर जाने में 95 घंटे का समय लगेगा. किसी वस्तु या पिंड के पृथ्वी से मंगल तक जाने में कितना समय लगेगा यह इस पर निर्भर करेगा कि इसमें कितनी ऊर्जा लगाई जाएगी.

अलग-अलग देश और अलग- अलग यान

भारत के मंगल यान को मंगल की कक्षा तक ही पहुंचने में 9 महीने का समय लगा था, वहीं नासा के पर्सिवियरेंस रोवर को मंगल की सतह तक पहुंचने में 7 महीने का समय लगा था. वहीं चीन के यान को मंगल की कक्षा तक पहुंचने में सात महीने का समय लगा. नासा और दुनिया के देशों के यानों को मंगल पर पहुंचने में 155 दिन से 333 के बीच का समय लगा है. इसका लक्ष्य फिलहाल 6 महीने में मंगल तक पहुंचने का है, लेकिन मस्क की कंपनी ऐसी तकनीकों पर काम कर रही है जिससे यह समय और कम किया जा सके.

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15 December 2023, 11:45 AM IST

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