Air India Crash Report: पायलट पर ठीकरा फोड़ने से फेडरेशन नाराज, अमेरिकी रिपोर्ट पर उठाए सवाल
एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 की क्रैश जांच को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. अमेरिकी रिपोर्ट में कैप्टन पर ईंधन आपूर्ति रोकने का आरोप लगाया गया है. रिपोर्ट सामने आने के बाद पायलटों के संगठन (FIP) ने आपत्ति दर्ज की है. भारत सरकार ने अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचने की अपील की है.

Air India Crash Report: एयर इंडिया की लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 के क्रैश को लेकर एक नई अमेरिकी रिपोर्ट सामने आने के बाद विवाद गहरा गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि फ्लाइट के कैप्टन ने टेकऑफ के तुरंत बाद फ्यूल कंट्रोल स्विच बंद कर दिए थे, जिससे विमान के दोनों इंजन बंद हो गए. रिपोर्ट सामने आने के बाद पायलटों के संगठन Federation of Indian Pilots (FIP) ने आपत्ति दर्ज की है और जांच प्रक्रिया से पायलट प्रतिनिधियों को बाहर रखने पर सवाल उठाए हैं.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया गया है कि ब्लैक बॉक्स रिकॉर्डिंग से संकेत मिला है कि कप्तान ने खुद ईंधन नियंत्रण स्विच को 'रन' से 'कटऑफ' मोड में कर दिया था. हालांकि यह रिपोर्ट प्रारंभिक जांच पर आधारित है और भारत सरकार ने अंतिम रिपोर्ट आने तक किसी निष्कर्ष पर न पहुंचने की अपील की है.
अमेरिकी रिपोर्ट में क्या कहा गया?
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट रिकॉर्डिंग से यह बात सामने आई कि जैसे ही विमान ने टेकऑफ किया, प्रथम अधिकारी ने कप्तान से पूछा कि उन्होंने फ्यूल कंट्रोल स्विच को 'रन' से 'कटऑफ' क्यों किया. रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस पर प्रथम अधिकारी घबरा गए, जबकि कप्तान शांत बने रहे.
56 वर्षीय कैप्टन सुमीत सभरवाल और 32 वर्षीय प्रथम अधिकारी क्लाइव कुंदर फ्लाइट AI 171 को उड़ा रहे थे. सभरवाल के पास 15,638 घंटे और कुंदर के पास 3,403 घंटे की उड़ान का अनुभव था. विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल की इमारत से टकरा गया. इस हादसे में 241 यात्री और क्रू सहित कुल 260 लोगों की जान गई, जिनमें 19 लोग जमीन पर मौजूद थे.
एयर इंडिया क्रैश रिपोर्ट में क्या कहा गया?
भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया कि विमान के फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के तुरंत बाद कुछ ही सेकंड के अंतर पर 'रन' से 'कटऑफ' में बदल गए. हालांकि रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह स्विच किस पायलट ने बंद किया या यह किसी तकनीकी खामी की वजह से हुआ. रिपोर्ट में इतना जरूर कहा गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन प्रवाह क्यों बंद किया, जिस पर जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया.
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने जताई आपत्ति
पायलटों के संगठन FIP ने इस रिपोर्ट को लेकर गहरी आपत्ति जताई है. संगठन ने बयान में कहा, "हम जांच प्रक्रिया से पायलट प्रतिनिधियों को बाहर रखने से बेहद असंतुष्ट हैं... बिना किसी पारदर्शी और डेटा-आधारित जांच के पहले ही किसी को दोषी ठहराना जल्दबाजी और गैर-जिम्मेदाराना है."
विशेषज्ञों और एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि फ्यूल कंट्रोल स्विच का अचानक या गलती से बंद हो जाना संभव नहीं लगता. वहीं, एयर इंडिया ने बुधवार को अपने सभी बोइंग 787 विमानों में फ्यूल स्विच के लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच करवाई, जिसमें कोई खामी नहीं पाई गई. सरकार ने भी इस पूरे मामले पर कहा है कि यह रिपोर्ट केवल एक प्रारंभिक आकलन है और अंतिम रिपोर्ट आने में एक साल तक लग सकता है. जब तक पूरी और निष्पक्ष जांच न हो जाए, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा.


