छुट्टी के लिए 8वीं के छात्र ने भेजी बम की धमकी, दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा
15 अगस्त से पहले राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में साइबर सुरक्षा को लेकर बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. बीते तीन दिनों में स्कूलों और कॉलेजों को लगातार बम से उड़ाने की धमकी भरे ईमेल मिले, जिससे सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं. जांच में चौंकाने वाली बात ये सामने आई कि इनमें से एक धमकी मेल एक 12 वर्षीय छात्र ने सिर्फ छुट्टी पाने के लिए भेजा था.

15 अगस्त से पहले दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों की चिंता उस वक्त बढ़ गई, जब लगातार तीन दिनों तक स्कूलों और कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकियों वाले ईमेल मिलने लगे। शुरुआती जांच में जहां कुछ धमकी भरे ईमेल दिल्ली से ही भेजे गए पाए गए, वहीं बाकी मेल्स में हाईली एन्क्रिप्टेड नेटवर्क और जर्मनी स्थित सर्वरों का इस्तेमाल किया गया था। इन धमकियों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है, खासकर तब जब एक ईमेल भेजने वाला महज 12 साल का छात्र निकला.
स्कूल नहीं जाना चाहता था छात्र
दक्षिण दिल्ली के द्वारका इलाके में रहने वाला 8वीं कक्षा का छात्र स्कूल नहीं जाना चाहता था। इसलिए उसने अपने स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कॉलेज को 'बम से उड़ाने' की धमकी भरा ईमेल भेज डाला। पुलिस ने मंगलवार को ही इस छात्र को पकड़ लिया था। डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि छात्र स्ट्रेस में था और उसके माता-पिता दक्षिण भारत में इलाज के सिलसिले में बाहर गए हुए हैं। छात्र अपनी दादी के साथ रह रहा है.
IP एड्रेस ने खोल दी पोल
छात्र को ये अंदेशा नहीं था कि उसका ईमेल ट्रैक किया जा सकता है। लेकिन पुलिस ने आईपी एड्रेस की मदद से उसे पकड़ लिया। पूछताछ के बाद उसकी काउंसलिंग की गई और चेतावनी देकर परिजनों के हवाले कर दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि उसने सोमवार को मिले धमकी भरे मेल की नकल करते हुए ऐसा किया.
एन्क्रिप्टेड नेटवर्क बना चुनौती
सोमवार और बुधवार को भेजे गए धमकी भरे मेल्स में भारी एन्क्रिप्शन इस्तेमाल हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, इन मेल्स के आईपी एड्रेस जर्मनी की ओर इशारा करते हैं। ईमेल सर्विस भी जर्मनी स्थित 'टुटामेल' (Tutanota) से जुड़ी पाई गई है, जो एक ओपन-सोर्स एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड ईमेल प्लेटफॉर्म है.
कोडवर्ड्स और गेमिंग संदर्भ
पुलिस को मिले ईमेल्स में कुछ कोडवर्ड्स हैं, जो संभवतः गेमिंग की कोडिंग जैसी भाषा में हैं। सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इनमें किसी बड़े हमले का छिपा हुआ संकेत भी हो सकता है। इस कारण इन्हें हल्के में नहीं लिया जा रहा है.
‘अपने पापों की कीमत चुकाओगे’
बुधवार को मिले एक मेल में लिखा गया था, 'गुड मॉर्निंग, एक्सप्लोसिव डिवाइस बैग के अंदर छिपाए गए हैं और स्कूल के क्लासरूम्स के आसपास रखे गए हैं, आप सभी अपने पापों की कीमत चुकाएंगे।' इस तरह की भाषा ने स्कूल प्रशासन और अभिभावकों के बीच भय का माहौल बना दिया है.
डार्क वेब और वीपीएन से कनेक्शन
जांच एजेंसियों का मानना है कि इन मेल्स को भेजने के लिए वीपीएन और डार्क वेब दोनों का इस्तेमाल किया गया है। डार्क वेब पर किसी यूज़र को ट्रैक करना बेहद जटिल होता है। इसी साल जनवरी में भी पुलिस ने एक 12वीं के छात्र को पकड़ा था जिसने करीब 400 स्कूलों को धमकी भरे मेल भेजे थे.
साइबर सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
इन घटनाओं ने एक बार फिर दिल्ली की साइबर सुरक्षा और स्कूली संस्थानों की संवेदनशीलता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब वीपीएन, प्रॉक्सी सर्वर और एन्क्रिप्टेड मेल सेवाओं की मदद से भेजे गए इन मेल्स की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है.


