पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का ऑफिस सील, सोशल मीडिया टीम भी हटाई गई...जल्द खाली करेंगे आवास
74 वर्षीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पद से अचानक इस्तीफा दे दिया. दो दिन में उनका आवास खाली, कार्यालय सील और सोशल मीडिया टीम भंग कर दी गई. विपक्ष ने राजनीतिक दबाव की आशंका जताई, जबकि सरकार ने इसे स्वास्थ्य-आधारित निर्णय बताया. इस्तीफे की टाइमिंग और प्रक्रिया पर बहस जारी है.

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे अपने पत्र में उन्होंने बताया कि यह निर्णय उन्होंने अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए लिया है. उन्होंने अपने त्यागपत्र में कहा, “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और डॉक्टरों की सलाह का पालन करने हेतु, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अंतर्गत, तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं.”
74 वर्षीय धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था. दो वर्षों से भी कम समय में उनका यह अचानक कदम राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.
जगदीप धनखड़ का ऑफिस सील
इस्तीफे के दो दिन बाद ही, बुधवार को उन्हें उनका सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया गया. इसके साथ ही उनका उपराष्ट्रपति कार्यालय सील कर दिया गया और उनकी सोशल मीडिया टीम को भी भंग कर दिया गया. यह पूरी प्रक्रिया बेहद तेज़ी से की गई, जिससे राजनीतिक विश्लेषकों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या यह केवल स्वास्थ्य कारणों तक ही सीमित है या इसके पीछे कुछ और भी है.
राजनीतिक हलकों में अटकलें तेज
धनखड़ का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब संसद का मानसून सत्र शुरू हो चुका है. ऐसे में विपक्षी दलों ने उनके इस्तीफे को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कई नेताओं ने यह भी कहा कि इस इस्तीफे का समय और प्रक्रिया दोनों ही असामान्य हैं. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे 'राजनीतिक दबाव का नतीजा' बताया.
सार्वजनिक जीवन
धनखड़ का कार्यकाल उपराष्ट्रपति के रूप में बहुत सक्रिय रहा. उन्होंने कई संवैधानिक मुद्दों पर अपने विचार खुलकर रखे, खासकर न्यायपालिका और विधायिका के बीच संतुलन को लेकर. उपराष्ट्रपति रहते हुए उन्होंने राज्यसभा के सभापति के रूप में कार्य किया और कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा का संचालन किया.
अब आगे क्या?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद उपराष्ट्रपति पद रिक्त हो गया है. अब संविधान के अनुसार, नए उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. तब तक राज्यसभा का कार्य संचालन उपसभापति द्वारा किया जाएगा.


