मुस्लिम लड़के ने हिंदू लड़की का कराया धर्म परिवर्तन, रचाई शादी, गांववालों को पता चला, फिर...
हरियाणा के चरखी दादरी के महराणा गांव में मुस्लिम युवक शाहीद और हिंदू युवती प्रीति के निकाह के बाद विवाद उत्पन्न हो गया. तीन गांवों की पंचायत ने शाहीद के परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का निर्णय लिया. युवती ने धर्म परिवर्तन कर निकाह किया था, लेकिन अब वह वापस अपने धर्म में लौट आई है. दोनों ने अलग-अलग रहने का हलफनामा दिया है और तलाक की प्रक्रिया जारी है.

हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव महराणा में एक मुस्लिम युवक और हिंदू युवती के बीच हुए निकाह को लेकर ग्रामीणों में गहरा असंतोष देखा गया. गांव के ही युवक शाहीद ने 3 जुलाई को गांव की ही युवती प्रीति का धर्म परिवर्तन करवाकर उससे निकाह किया था. इस घटना की जानकारी जब 6 जुलाई को ग्रामीणों को हुई, तो भारी नाराज़गी सामने आई. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि मुस्लिम समुदाय की दुकानों को बंद करवा दिया गया और शाहीद के परिवार के बाहर लगातार पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ी.
मीडिया और प्रशासन को रखा गया दूर
दरअसल, गांव में उपजे तनाव के बीच रविवार को गांव पातुवास में तीन गांवों – खेड़ी सनवाल, महराणा और पातुवास – की संयुक्त पंचायत बुलाई गई. करीब चार घंटे चली इस बैठक में न तो मीडिया को शामिल होने दिया गया, न ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को. पंचायत की अध्यक्षता कपूर सिंह ने की, जबकि संचालन अठगामा खाप के संयोजक धर्मपाल महराणा द्वारा किया गया. पंचायत में यह सर्वसम्मत निर्णय लिया गया कि अब तीनों गांवों में शाहीद और उसके परिवार से कोई सामाजिक रिश्ता नहीं रखा जाएगा. पंचायत प्रतिनिधि मीर सिंह ने भी इस बहिष्कार की पुष्टि की.
पुराने हिंदू धर्म में वापस लौट आई प्रीति
पंचायत में यह भी बताया गया कि युवती प्रीति, जिसने कुछ समय के लिए इस्लाम धर्म अपना लिया था, अब अपने पुराने हिंदू धर्म में वापस लौट आई है. उसने इस संबंध में एक शपथ पत्र भी दिया है जिसमें उसने अपनी मर्ज़ी से वापस अपने पूर्व धर्म में लौटने की घोषणा की है. वहीं दूसरी ओर, शाहीद और प्रीति के बीच चल रही शादी को लेकर तलाक की प्रक्रिया कानूनी तौर पर शुरू हो चुकी है. दोनों परिवारों ने अलग-अलग रहने संबंधी हलफनामे भी प्रस्तुत किए हैं.
शाहीद के परिवार का सामाजिक बहिष्कार
पंचायत ने सख्त रुख अपनाते हुए साफ कहा कि शाहीद अब गांव में नहीं लौटेगा और उसका परिवार सामाजिक तौर पर पूर्ण रूप से अलग रहेगा. यह निर्णय केवल महराणा गांव तक सीमित नहीं है, बल्कि खेड़ी सनवाल और पातुवास गांवों के लोगों ने भी इस बहिष्कार का समर्थन किया है. सामाजिक स्तर पर यह फैसला इन गांवों में समुदायों के बीच बढ़ती खाई को दर्शाता है और आने वाले समय में सामाजिक समरसता पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है.
पुलिस बल तैनात, तनाव बरकरार
इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए गांव में हालात अब भी तनावपूर्ण हैं. प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए गांव और आस-पास के क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती कर रखी है. हालांकि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सामाजिक बहिष्कार और धार्मिक विवाद के चलते माहौल पूरी तरह सामान्य नहीं कहा जा सकता. इस विवाद ने न केवल एक विवाह को, बल्कि पूरे गांवों के आपसी संबंधों को झकझोर दिया है.
फिलहाल स्थिति नियंत्रण में...
चरखी दादरी के महराणा गांव में हुए इस अंतरधार्मिक विवाह ने सामाजिक और धार्मिक पहचान को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं. पंचायत द्वारा लिया गया कठोर निर्णय ग्रामीण भावनाओं की अभिव्यक्ति जरूर है, लेकिन यह सामाजिक अलगाव और सामूहिक बहिष्कार जैसे उपायों की नैतिकता और संवैधानिक वैधता को भी चुनौती देता है. ऐसे मुद्दों पर सतर्कता, संवेदनशीलता और कानून के दायरे में रहकर समाधान ढूंढ़ना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुकी है.


