फ्री कार वॉश...कर्नाटक में15 दिन पहले फ्लाईओवर का हुआ था उद्घाटन, ऊपर से गिर रहा बारिश का पानी, Video वायरल
कर्नाटक के कल्लड़का फ्लाईओवर का उद्घाटन मात्र 15 दिन पहले हुआ था, लेकिन पहली बारिश में ही भारी जल रिसाव सामने आया. वायरल वीडियो में पानी गिरता दिखा, जिससे सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ाया गया. यह घटना निर्माण की गुणवत्ता, रखरखाव में लापरवाही और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है.

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में हाल ही में उद्घाटन हुआ कल्लड़का फ्लाईओवर इन दिनों सोशल मीडिया पर मज़ाक का विषय बन गया है. कारण है, फ्लाईओवर से हो रहा भारी जल रिसाव, जो पहली ही बारिश में सामने आ गया. यह फ्लाईओवर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा लगभग आठ वर्षों में बनाया गया था और इसे 2 जून को जनता के लिए खोला गया था.
आरएसएस नेता की अगुवाई में हुआ था उद्घाटन
इस फ्लाईओवर के उद्घाटन के मौके पर आरएसएस नेता कल्लड़का प्रभाकर भट और उनके समर्थकों ने भव्य जश्न मनाया था. लेकिन इस जश्न के केवल पंद्रह दिन बाद ही नागरिकों को निराशा हाथ लगी जब बारिश के दौरान फ्लाईओवर की छत से पानी गिरने लगा, जिससे निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे.
सोशल मीडिया पर उड़ा मज़ाक
एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें फ्लाईओवर से लीक होता पानी नीचे खड़ी कार पर सीधे गिरता दिखा. इस वीडियो के साथ सोशल मीडिया पर ह्यूमर और ट्रोलिंग की बाढ़ आ गई. कई यूजर्स ने फ्लाईओवर को 'केएनआर सर्विस स्टेशन कल्लड़का' का नाम दे दिया और कुछ ने इसे "फ्री कार वॉश पॉइंट" तक कह डाला.
कर्नाटक में लेटेस्ट सुविधा
— Hey Keshav! (@heykeshav007) June 17, 2025
पुल के नीचे सीधा कार वॉश #KarnatakaRains #PMModiAtG7 pic.twitter.com/RksTlB9lTn
गंभीर सवाल भी उठे
हालांकि लोग इसे मज़ाक में ले रहे हैं, लेकिन कर्नाटक पोर्टफोलियो नामक एक लोकप्रिय सोशल मीडिया हैंडल ने एक गंभीर पहलू उजागर किया. उन्होंने लिखा, “यह हास्यास्पद लग सकता है, लेकिन यह खराब निर्माण गुणवत्ता, रखरखाव की कमी और संभावित भ्रष्टाचार का स्पष्ट संकेत है.”
NHAI ने की जल्दबाज़ी में मरम्मत
सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना को देखते हुए एनएचएआई ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पैचवर्क रिपेयर शुरू कर दी है ताकि लीक को रोका जा सके और आगे की शर्मिंदगी से बचा जा सके. हालांकि सवाल अब निर्माण की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी उठने लगे हैं.
क्या कहती है यह घटना?
इस तरह की घटनाएं यह बताती हैं कि सरकारी परियोजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण और जवाबदेही सुनिश्चित करना कितना जरूरी है. नागरिकों के टैक्स के पैसों से बनी ऐसी परियोजनाओं में लापरवाही न सिर्फ भरोसे को ठेस पहुंचाती है, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा को भी खतरे में डालती है.