इसरो प्रमुख ने 2025 को 'गगनयान वर्ष' घोषित किया, इस तारीख को 'व्योममित्र' रोबोट के साथ पहला मिशन लॉन्च होगा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2025 को "गगनयान वर्ष" घोषित करते हुए घोषणा की है कि दिसंबर तक पहला मानवरहित मिशन लॉन्च किया जाएगा, जो इंसानों को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में अहम कदम होगा.

नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) अध्यक्षवी नारायणनने 2025 को "गगनयान" इस साल का यह पहला मानवरहित मिशन है, जिसके दिसंबर तक प्रक्षेपित होने की उम्मीद है. गुरुवार को कोलकाता में एक कार्यक्रम में बोलते हुए इसरो प्रमुख ने कहा कि अब तक 7200 परीक्षण पूरे हो चुके हैं और 3000 परीक्षण लंबित हैं.वी नारायणन ने कहा, "यह वर्ष हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण वर्ष है. हमने इसे गगनयान वर्ष घोषित किया है. मनुष्यों को भेजने से पहले, हमने तीन मानवरहित मिशनों की योजना बनाई है और इस वर्ष पहला मानवरहित मिशन की योजना बनाई गई है.
आज तक, 7200 से अधिक परीक्षण पूरे हो चुके हैं और लगभग 3000 परीक्षण लंबित हैं, 24 घंटे काम चल रहा है." दिसंबर 2025 तक, पहला मानवरहित मिशन "व्योममित्राउन्होंने बताया कि, "इसके बाद इसरो द्वारा दो मानवरहित मिशन प्रक्षेपित किए जाएंगे. इसके विपरीत, संगठन ने 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान का लक्ष्य रखा है."
दिसंबर में 'व्योममित्र' मिशन, 2027 तक मानव उड़ान लक्ष्य
वी नारायणन ने बताया, "इस साल दिसंबर तक पहला मानवरहित मिशन होगा, उसके बाद दो मानवरहित मिशन होंगे और हम 2027 की पहली तिमाही तक पहली मानवयुक्त अंतरिक्ष उड़ान का लक्ष्य बना रहे हैं. वास्तव में, इस साल लगभग हर महीने एक प्रक्षेपण निर्धारित है. 'व्योममित्र' नामक रोबोट के साथ पहला मानवरहित मिशन इस साल के अंत तक लॉन्च किया जाएगा."
जापान संग चंद्रयान-5 की साझेदारी
उन्होंने चंद्रयान-5 मिशन के बारे में भी जानकारी साझा की, जो जापान के सहयोग से किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "फिलहाल हम (इसरो) चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5 पर भी काम कर रहे हैं. जापान के सहयोग से चंद्रयान-5 में 6,400 किलोग्राम का लैंडर होगा, जो 350 किलोग्राम का रोवर ले जाएगा. इसका जीवनकाल 100 दिनों का होगा." इस मिशन का उद्देश्य अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में काफी भारी रोवर के साथ चंद्रमा का अध्ययन करना है. इस मिशन को जापान के साथ मिलकर चलाया जाएगा, ताकि मिशन की वैज्ञानिक क्षमताओं को बढ़ाया जा सके. जापान के साथ साझेदारी में चंद्रयान-5 मिशन में 250 किलोग्राम का रोवर शामिल होगा, जो चंद्रयान-3 के दौरान तैनात 25 किलोग्राम के 'प्रज्ञान' रोवर से एक बड़ी छलांग है.


