जनरल उपेंद्र द्विवेदी पहुंचे लॉन्गेवाला, ऑपरेशन सिंदूर के जवानों को कहा 'शाबाश'
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने राजस्थान के लॉन्गेवाला में तैनात कोणार्क कोर के जवानों से मुलाकात कर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके साहस और सतर्कता की जमकर सराहना की.उन्होंने भारतीय सेना, वायुसेना और बीएसएफ की संयुक्त कार्रवाई को एक बड़ी रणनीतिक सफलता बताया.

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी मोर्चे पर तैनात जांबाज सैनिकों की वीरता और सतर्कता की खुलकर सराहना की है. बुधवार को उन्होंने राजस्थान के रेगिस्तानी सेक्टर में कोणार्क कोर के अग्रिम क्षेत्र लॉन्गेवाला का दौरा किया, जहां उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाले जवानों को बधाई दी और वायुसेना तथा बीएसएफ के साथ मिलकर किए गए समन्वित अभियानों की समीक्षा भी की.
सेना प्रमुख ने इस दौरान न केवल जवानों के उच्च मनोबल की प्रशंसा की, बल्कि दुश्मन की किसी भी हिमाकत को नाकाम करने के लिए त्वरित और सटीक सैन्य प्रतिक्रिया की भी सराहना की. ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना की सजगता और सैन्य तालमेल ने पश्चिमी सीमा पर भारत की रणनीतिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर दिया है.
रेगिस्तान में दिखी तीनों सेनाओं की ताकत
राजस्थान के जैसलमेर से लेकर कच्छ तक फैले रेगिस्तानी इलाके में भारतीय सेना, वायुसेना और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की एकीकृत और तेज कार्रवाई ने न केवल दुश्मन की साजिशों को नाकाम किया बल्कि पश्चिमी मोर्चे पर परिचालनिक प्रभुत्व का एक नया मानदंड स्थापित किया.
सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत निगरानी प्रणाली और वायु रक्षा तंत्र की त्वरित तैनाती की. वायुसेना और बीएसएफ के साथ तालमेल बनाकर हथियार प्रणालियों और अन्य रणनीतिक संसाधनों को सटीक रूप से तैनात किया गया. नागरिक प्रशासन के सहयोग से यह सुनिश्चित किया गया कि पूरे इलाके में प्रभावी नियंत्रण बना रहे और संभावित खतरों को तुरंत निष्क्रिय किया जा सके.
"शाबाश!" - सेना प्रमुख की गर्जना
कोणार्क कोर के सैनिकों से बातचीत करते हुए सेना प्रमुख ने पूरे जोश में "शाबाश!" कहकर उनके पराक्रम और अटूट संकल्प को सलाम किया. उन्होंने उन जवानों की भी तारीफ की जिन्होंने दुश्मन की ड्रोन घुसपैठ को समय रहते नाकाम किया और रेगिस्तानी सीमा क्षेत्र में किसी भी दुस्साहस को सफल नहीं होने दिया.
सैन्य कमांडरों की पेशेवर क्षमता की प्रशंसा
जनरल द्विवेदी ने कमांडरों और सैन्य इकाइयों की उच्च पेशेवरता, रणनीतिक सोच और तालमेल के साथ किए गए अभियानों की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अपनी परंपराओं, सम्मान और बलिदान की भावना के साथ किसी भी चुनौती से निपटने के लिए हमेशा तैयार है.
भीषण गर्मी और कठोर हालात में डटे हैं जवान
सेना प्रमुख ने रेगिस्तानी क्षेत्र की कठिन जलवायु और प्रचंड गर्मी में भी पूरी निष्ठा से डटे हुए सैनिकों की दृढ़ता की सराहना की. उन्होंने कहा, “मैं और पूरा देश आपके साहस और निष्ठा को सलाम करता हूं, आप ही भारत की असली ताकत हैं.”


