गोवा क्लब मालिकों के पासपोर्ट रद्द, 25 लोगों की मौत के बाद फरार भाईयों पर विदेश मंत्रालय का एक्शन
गोवा नाइटक्लब अग्निकांड के मुख्य आरोपी गौरव और सौरभ लूथरा के पासपोर्ट रद्द कर दिए गए, जिससे उनका फुकेत से बाहर जाना संभव नहीं है. इंटरपोल नोटिस जारी होने के बाद भारत वापसी की संभावना बढ़ी, जबकि अदालत जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है.

पणजीः गोवा के चर्चित नाइटक्लब अग्निकांड मामले में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है. गोवा पुलिस ने पुष्टि की है कि इस हादसे में मुख्य आरोपी माने जा रहे गौरव और सौरभ लूथरा के पासपोर्ट आधिकारिक रूप से रद्द कर दिए गए हैं. यह वही दो भाई हैं, जो पिछले सप्ताह नाइटक्लब में लगी भयंकर आग के कुछ घंटों बाद थाईलैंड के फुकेत भाग गए थे. अब पासपोर्ट निरस्त होने के बाद दोनों की विदेश यात्रा सीमित हो गई है और वे फुकेत से आगे नहीं निकल सकते.
अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से भारत द्वारा इंटरपोल और राजनयिक माध्यमों के जरिए दोनों भाइयों को वापस देश लाने की संभावना मजबूत हुई है.
इंटरपोल का ब्लू कॉर्नर नोटिस
सूत्रों के अनुसार, गोवा सरकार ने विदेश मंत्रालय को दोनों भाइयों के पासपोर्ट रद्द करने का औपचारिक अनुरोध भेजा था. इसके बाद इंटरपोल ने मंगलवार को लूथरा बंधुओं के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया. जांचकर्ताओं को संदेह है कि दोनों फिलहाल फुकेत में ही छिपे हुए हैं और अपनी आगे की योजना बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
जांच से यह भी सामने आया है कि 7 दिसंबर की रात 1 बजकर 17 मिनट पर दोनों ने थाईलैंड के लिए टिकट बुक कर लिए थे. यह वही समय था, जब अरपोरा स्थित बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में आग की खबर फैलनी शुरू हुई थी और गोवा पुलिस व दमकल विभाग राहत कार्यों में जुटे थे.
अदालत में परिवार का दावा
लूथरा परिवार हालांकि इस घटना को भागने की कोशिश नहीं मानता. दिल्ली की रोहिणी अदालत में उनके वकील ने दावा किया कि सौरभ 6 दिसंबर को ही पेशेवर काम और संभावित रेस्तरां स्थानों की तलाश के लिए थाईलैंड रवाना हो चुके थे. उनका कहना है कि यात्रा पहले से योजनाबद्ध थी और दोनों भाई सिर्फ “बिना तुरंत गिरफ्तारी के भारत लौटने की कानूनी सुरक्षा चाहते हैं.
बावजूद इसके, बुधवार को अदालत ने अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर विस्तृत सुनवाई गुरुवार के लिए निर्धारित की.
पुलिस का विरोध
गोवा पुलिस ने अदालत में जोर देकर कहा कि दोनों आरोपी आगजनी के कुछ ही घंटे बाद विदेश भाग गए, इसलिए उन्हें विदेश में रहते हुए कानूनी सुरक्षा मांगने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए. दोनों भाइयों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा और तनवीर अहमद मीर ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें उतरते ही प्रतिशोधात्मक तरीके से गिरफ्तार किए जाने का डर है.
उन्होंने यह भी कहा कि गोवा में लूथरा परिवार की दूसरी संपत्ति एक बीच शेक का हाल ही में ध्वस्तीकरण प्रशासन की प्रतिशोधात्मक कार्रवाई को दर्शाता है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि शेक अवैध निर्माण था और उसमें कोई अग्नि सुरक्षा स्वीकृति नहीं थी.
एक और गिरफ्तारी, पूछताछ जारी
इधर, गोवा पुलिस ने मामले के एक अन्य आरोपी अजय गुप्ता को दिल्ली में अदालत में पेश किया. मेडिकल जांच के बाद उसे पूछताछ के लिए गोवा ले जाया जाएगा. जांच एजेंसियों का अनुमान है कि आग लगने की घटना और मुख्य आरोपियों की संभावित फरारी से जुड़े तथ्यों के आधार पर आगे और गिरफ्तारियां संभव हैं.
अगली सुनवाई आज
रोहिणी अदालत गुरुवार को लूथरा बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी, वहीं गोवा सरकार अपनी विस्तृत प्रतिक्रिया तैयार कर रही है.


