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आत्मनिर्भरता में भारत की नई उड़ान, अब खुद खोजेंगे महत्वपूर्ण खनिज

भारत सरकार ने देश में और अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को बढ़ावा देने के लिए 16,300 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) को मंजूरी दी. अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर निर्भरता को कम करना और आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करना है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

भारत सरकार ने देश में और अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को बढ़ावा देने के लिए 16,300 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) को मंजूरी दी. यह मंजूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा बुधवार को दी गई.

मिशन का उद्देश्य

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के महत्वपूर्ण खनिजों के आयात पर निर्भरता को कम करना और आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करना है. यह मिशन खनिज अन्वेषण, खनन, प्रसंस्करण, लाभकारीकरण और जीवन-अंत उत्पादों से पुनर्प्राप्ति जैसे सभी चरणों को कवर करेगा.

खनिज खोज और विनियामक प्रक्रिया
एनसीएमएम देश में और अपतटीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण खनिजों की खोज को तेज करेगा. इसका एक प्रमुख उद्देश्य खनिज खनन परियोजनाओं के लिए एक त्वरित विनियामक अनुमोदन प्रक्रिया विकसित करना है. इसके साथ ही, खनिज अन्वेषण के लिए वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाएगा और ओवरबर्डन तथा टेलिंग्स से संसाधनों की पुनर्प्राप्ति को बढ़ावा दिया जाएगा.

स्वदेशी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार
यह मिशन भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों को विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज परिसंपत्तियों को हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और संसाधन संपन्न देशों के साथ व्यापार बढ़ाने का प्रयास करेगा. इसके अलावा, मिशन में देश के भीतर महत्वपूर्ण खनिजों के भंडार के विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा.

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29 January 2025, 07:42 PM IST

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