‘आत्मनिर्भर भारत’ की ओर बड़ी छलांग: गोवा शिपयार्ड ने दूसरा Pollution Control Vessel किया लॉन्च
देश की समुद्री सीमाओं को सुरक्षित और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने 23 जुलाई 2025 को दूसरा स्वदेशी पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल ‘समुरा प्रचेत’ सफलतापूर्वक लॉन्च किया.

भारत की समुद्री सुरक्षा और स्वच्छता अभियान को और सशक्त करते हुए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने मंगलवार को दूसरा स्वदेशी पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल (GSL यार्ड 1268) ‘समुरा प्रचेत’ सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. यह जहाज उस दो जहाजो की सीरीज का अंतिम पोत है जिसे भारतीय तटरक्षक बल के लिए GSL द्वारा डिजाइन और निर्मित किया गया है. इससे पहले पहला जहाज (GSL यार्ड 1267) 29 अगस्त 2024 को लॉन्च किया गया था, जो अब डिलीवरी के अंतिम चरण में है.
इस महत्वपूर्ण लॉन्चिंग के साथ GSL और भारतीय तटरक्षक बल ने मिलकर ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को और सशक्त रूप से आगे बढ़ाया है. स्वदेशी डिज़ाइन और निर्माण ने भारत की नौसेना क्षमताओं में आत्मनिर्भरता का ठोस उदाहरण पेश किया है.
‘समुरा प्रचेत’ का भव्य जलावतरण
इस अवसर पर विशेष अतिथि श्रीमती प्रिया परमेश द्वारा जहाज का जलावतरण किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि (AVSM, PTM, TM) थे. इस समारोह में IG भीष्म शर्मा (PTM, TM), IG सुधीर साहनी (TM), श्री बृजेश कुमार उपाध्याय (CMD, GSL) सहित रक्षा मंत्रालय, तटरक्षक बल और गोवा शिपयार्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
आधुनिक तकनीक से सुसज्जित पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल
'समुरा प्रचेत' पूरी तरह स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित जहाज़ है, जिसकी लंबाई 114.5 मीटर, चौड़ाई 16.5 मीटर और वज़न 4170 टन है. यह जहाज़ अत्याधुनिक रिस्पॉन्स उपकरणों से लैस है, जो भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में तेल रिसाव जैसी पर्यावरणीय आपदाओं का तेज से और प्रभावी ढंग से सामना करने में सक्षम है.
स्थानीय रोजगार और MSMEs को मिला बड़ा बढ़ावा
इस परियोजना ने न केवल समुद्री सुरक्षा को बल दिया है, बल्कि गोवा में स्थानीय उद्योगों, MSMEs और उद्यमियों को भी प्रोत्साहन दिया है. जहाज निर्माण गतिविधियों में व्यापक स्तर पर स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है, जिससे क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है.
‘समुरा प्रचेत’ से भारत की आत्मनिर्भरता को नई उड़ान
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए DG परमेश शिवमणि ने कहा, पॉल्यूशन रिस्पॉन्स वेसल्स भारतीय तटरक्षक बल के लिए समुद्री क्षेत्र में बेहद अहम हैं. GSL और ICG के बीच बेहतरीन तालमेल ने देश में रक्षा निर्माण की आत्मनिर्भरता को मजबूती दी है. उन्होंने GSL और इससे जुड़े उद्योगों की सराहना करते हुए कहा, इस महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल करने के लिए GSL के कर्मचारियों को बधाई देता हूं. अब समय आ गया है कि आत्मनिर्भरता की इस यात्रा को पूरी निष्ठा के साथ आगे बढ़ाया जाए.”
भारत की पोत निर्माण क्षमता का प्रतीक
‘समुरा प्रचेत’ का सफल निर्माण यह दर्शाता है कि भारत अब अत्याधुनिक पॉल्यूशन कंट्रोल वेसल्स का निर्माण करने में पूरी तरह सक्षम है. यह GSL को उन अग्रणी शिपयार्ड्स की श्रेणी में लाकर खड़ा करता है जो पर्यावरणीय सुरक्षा को लेकर अत्याधुनिक समाधान देने में सक्षम हैं.


