पहली बार लोन लेने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी, CIBIL स्कोर अब जरूरी नहीं, लेकिन...
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पहली बार लोन लेने वालों के लिए सिबिल स्कोर अनिवार्य नहीं है. बैंकों को ऐसे आवेदकों का ऋण आवेदन सिर्फ क्रेडिट स्कोर न होने पर अस्वीकार नहीं करना चाहिए. हालांकि, बैंक अन्य मानकों के आधार पर पूरी जांच-पड़ताल करेंगे. साथ ही, क्रेडिट रिपोर्ट साल में एक बार मुफ्त मिलेगी और इसके लिए अधिकतम ₹100 शुल्क तय किया गया है.

CIBIL Score not Mandatory For Loan: अब तक बैंक और वित्तीय संस्थान किसी व्यक्ति के लोन आवेदन को सिबिल स्कोर के आधार पर स्वीकृत या अस्वीकार करते थे. लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जो लोग पहली बार लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं, उनके पास क्रेडिट स्कोर नहीं होने पर बैंक उनका आवेदन अस्वीकार नहीं कर सकते. यह जानकारी वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी. आइए जानते है इस खबर को विस्तार से...
रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइन का हवाला
बैंक लोन देने के लिए क्या देखेंगे?
हालांकि क्रेडिट स्कोर जरूरी नहीं होगा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बिना किसी जांच के लोन दिया जाएगा. बैंक अब भी आवेदकों की पूरी पृष्ठभूमि जांच करेंगे. इसमें व्यक्ति की आय, नौकरी की स्थिति, पिछले कोई लोन रिकॉर्ड (अगर हो), चुकाने की क्षमता और अन्य जरूरी जानकारी शामिल होगी. यानी, क्रेडिट स्कोर एकमात्र मापदंड नहीं होगा, लेकिन बाकी पहलुओं को देखना जरूरी रहेगा.
सिबिल स्कोर क्या है और क्यों जरूरी होता है?
सिबिल स्कोर, जो कि 300 से 900 तक का होता है, एक ऐसा आंकड़ा होता है जो बताता है कि कोई व्यक्ति अपने पुराने कर्जों को चुकाने में कितना भरोसेमंद रहा है. यह स्कोर क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड – CIBIL द्वारा तैयार किया जाता है. जितना ऊंचा स्कोर होता है, लोन मिलने की संभावना उतनी ही ज्यादा होती है. लेकिन पहली बार लोन लेने वाले व्यक्ति का स्कोर आमतौर पर नहीं होता, क्योंकि उसका कोई पुराना रिकॉर्ड नहीं होता.
क्रेडिट रिपोर्ट के लिए शुल्क और मुफ्त सुविधा
मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी क्रेडिट सूचना कंपनी यदि व्यक्ति अपनी रिपोर्ट मांगता है, तो वह ₹100 से ज्यादा शुल्क नहीं ले सकती. साथ ही, आरबीआई के 2016 के निर्देशों के अनुसार, हर व्यक्ति को वर्ष में एक बार नि:शुल्क क्रेडिट रिपोर्ट देने का प्रावधान भी है. यह रिपोर्ट ऑनलाइन माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है, जिसमें उसका क्रेडिट स्कोर भी शामिल होता है.
पहली बार लोन लेने वालों के लिए फायदेमंद
सरकार का यह फैसला उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो पहली बार बैंक से पर्सनल लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन या कार लोन लेने की सोच रहे हैं. अब उन्हें सिबिल स्कोर की कमी के कारण हतोत्साहित नहीं होना पड़ेगा. हालांकि, बैंक सभी जरूरी जांच-पड़ताल करने के बाद ही लोन देंगे, जिससे वित्तीय प्रणाली में पारदर्शिता बनी रहेगी. यह निर्णय निश्चित ही वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को बढ़ावा देगा और उन लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ने में मदद करेगा, जो अब तक किन्हीं कारणों से इससे दूर रहे हैं.


