पांच से घटकर रह जाएंगे 2 GST स्लैब, मिडिल क्लास, छात्र से लेकर किसानों को होगा सीधा फायदा...जानें क्या है सरकार का प्लान
79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी सुधारों का बड़ा ऐलान किया. नए ढांचे में जीएसटी स्लैब को पांच से घटाकर केवल ‘स्टैंडर्ड’ और ‘क्वालिफाइड’ दो ही स्लैब रखे जाएंगे, जिससे मध्यवर्ग, किसान, छात्र और आम उपभोक्ता को सीधा फायदा होगा.

GST Reforms: 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए जीएसटी सुधारों का बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इस दिवाली तक नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी लागू किया जाएगा, जिससे टैक्स का बोझ कम होगा और उपभोक्ताओं के साथ-साथ छोटे व्यवसायियों को भी बड़ी राहत मिलेगी. प्रधानमंत्री ने इसे भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक नया युग बताया.
2017 से अब तक का सफर
मोदी ने अपने भाषण में याद दिलाया कि जीएसटी की शुरुआत 2017 में हुई थी और तब से इसने भारत की कर प्रणाली को सरल बनाने और अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने का काम किया है. अब सरकार जीएसटी को और व्यापक, पारदर्शी और सहज बनाना चाहती है. वित्त मंत्रालय ने इसके लिए एक प्रस्ताव जीएसटी काउंसिल के सामने रखा है, जिसकी समीक्षा मंत्रियों के समूह (GoM) द्वारा की जा रही है. लक्ष्य है कि दिवाली तक इसे लागू कर दिया जाए.
पहला सुधार- स्ट्रक्चरल बदलाव
सरकार का पहला उद्देश्य इनपुट और आउटपुट टैक्स रेट्स के बीच मौजूद अंतर को खत्म करना है. इससे टैक्स क्रेडिट के गलत उपयोग पर रोक लगेगी और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी. साथ ही, वर्गीकरण संबंधी विवाद और नियमों की जटिलता को कम करने की योजना है. लंबे समय में इसका मकसद टैक्स दरों को स्थिर और नीति आधारित बनाना है, ताकि कारोबारी माहौल और मजबूत हो.
सिर्फ दो टैक्स स्लैब
इस सुधार का सबसे बड़ा आकर्षण है सिर्फ दो जीएसटी स्लैब रखने का प्रस्ताव. वर्तमान में 0%, 5%, 12%, 18% और 28% की दरें लागू हैं. नए ढांचे में इन्हें घटाकर केवल ‘स्टैंडर्ड’ और ‘क्वालिफाइड’ दो ही स्लैब रखे जाएंगे. जरूरी और आम वस्तुओं पर टैक्स घटाने की योजना है, जिससे मध्यवर्ग, किसान, छात्र और आम उपभोक्ता को सीधा फायदा होगा. कई वस्तुएं सस्ती होंगी, जिससे खपत बढ़ेगी और बाजार में डिमांड का नया दौर शुरू होगा.
तीसरा बड़ा बदलाव
सरकार ने छोटे व्यवसायों और डिजिटल टैक्स सिस्टम को आसान बनाने पर जोर दिया है. इसके तहत पहले से भरे हुए जीएसटी रिटर्न, तेज़ी से रिफंड प्रोसेस, और मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के उपाय किए जाएंगे. इस बदलाव से छोटे व्यापारी और स्टार्टअप्स को बड़ी राहत मिलेगी और वे बिना बाधा के व्यवसाय आगे बढ़ा पाएंगे.
संभावित अतिरिक्त सुधार
सितंबर में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में कुछ और बदलावों पर चर्चा हो सकती है. इनमें शामिल हैं
1. 12% स्लैब हटाना
2. स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी से मुक्त करना
3. आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स दरें घटाना ताकि आम लोगों के लिए कीमतें और भी युक्तिसंगत हो सकें.
राज्यों के साथ समन्वय
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ साझेदारी में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठक में मंत्रियों के समूह की सिफारिशों पर विचार करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि तेजी से क्रियान्वयन हो सके.


