मोदी-ट्रंप की दोस्ती से देश को नुकसान... H-1B वीजा बदलाव पर विपक्ष का सरकार पर हमला
अमेरिका ने भारतीयों के लिए वीजा शुल्क में भारी बढ़ोतरी कर दी है जिसने देश में हलचल मच गया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार की विदेश नीति को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है. पार्टी ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की रहस्यमयी चुप्पी अब भारत के हितों को नुकसान पहुंचा रही है जिससे आम नागरिकों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है.

H-1B Visa Fee Hike: अमेरिका में वीजा नीति में हुए बदलाव ने भारत के सियासत में भूचाल खड़ा कर दिया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकारी आदेश के तहत अब H-1B वीजा पर हर साल $100,000 (करीब 83 लाख रुपये) की फीस देनी होगी. इस फैसले से भारतीय आईटी और तकनीकी पेशेवरों पर बड़ा असर पड़ने वाला है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर तीखा हमला बोला है और इसे रणनीतिक विफलता करार दिया है. कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले को भारतीय टैलेंट पर सीधा हमला बताया है. उन्होंने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार अमेरिका के सामने अपने नागरिकों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है. खासतौर पर तब, जब अमेरिका के 70% H-1B वीजा धारक भारतीय हैं.
गौरव गोगोई का तीखा हमला
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा अमेरिकी सरकार के H-1B वीजा पर नए फैसले ने भारत पर सीधा हमला किया है. मुझे याद है जब पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक IFS महिला अधिकारी के अपमान पर अमेरिका से सख्ती से बात की थी. लेकिन अब पीएम मोदी की चुप्पी और सिर्फ दिखावे की कूटनीति, भारत के हित में रह गई है.
पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने राहुल गांधी के पुराने बयान को याद दिलाते हुए कहा कि 2017 में राहुल गांधी ने मोदी को कमजोर प्रधानमंत्री कहा था. अब 8 साल बाद वह बात फिर से सच साबित हो रही है. भारत का नेतृत्व आज भी वैश्विक मंच पर अपने नागरिकों और हितों की रक्षा करने में विफल हो रहा है.
प्रियंक खड़गे का व्यंग्य
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक प्रियंक खड़गे ने इस फैसले को लेकर तंज कसा और कहा कि मोदी-डोलांड की दोस्ती भारत को बहुत महंगी पड़ रही है. अब उनके सबसे अच्छे दोस्त ने एक कार्यकारी आदेश पर साइन कर दिए हैं जिससे H-1B वीजा पर $100,000 की सालाना फीस लगाई जाएगी. इससे सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को होगा, क्योंकि 70% H-1B वीजा धारक भारतीय होते हैं. प्रियंक खड़गे ने अपने पोस्ट में अमेरिका की उन नीतियों का भी जिक्र किया जो पहले ही भारत पर असर डाल चुकी हैं. उन्होंने लिखा कि अमेरिका पहले ही भारत पर 50% टैरिफ, HIRE एक्ट, चाबहार पोर्ट पर छूट हटाना और EU से भारत के खिलाफ 100% टैरिफ की अपील जैसे कई कदम उठा चुका है. 'थैंक्यू मोदी जी'.
नया अमेरिकी आदेश और उसका प्रभाव
इस आदेश का नाम 'Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers' रखा गया है और इसे 21 सितंबर से लागू किया जाएगा. यह निर्णय अमेरिका के H-1B वीजा प्रोग्राम को पूरी तरह से बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इस नीति से उन हजारों भारतीय पेशेवरों को झटका लगेगा जो अमेरिका के IT और टेक्नोलॉजी सेक्टर में काम करने का सपना देख रहे हैं.
H-1B वीजा की फीस में जबरदस्त बढ़ोतरी ने भारत में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है. जहां एक ओर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है वहीं कांग्रेस समेत विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं.


