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दीपू के हत्यारों को फांसी दो...बांग्लादेश हाईकमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन, बैरिकेड्स गिराए, पुलिस को करनी पड़ी मशक्कत

दिल्ली में बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू दास की हत्या के विरोध में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया. कड़ी सुरक्षा के बावजूद तनाव रहा. बांग्लादेश ने प्रदर्शन की निंदा की, जिससे भारत-बांग्लादेश संबंधों में कूटनीतिक तनाव बढ़ा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः दिल्ली में पिछले सप्ताह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की कथित भीड़ हिंसा में हत्या के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर आयोजित किया गया, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हुए और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का गुस्सा 25 वर्षीय दीपू चंद्र दास की हत्या को लेकर था, जिसे वे धार्मिक हिंसा का शिकार मान रहे हैं.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने पहले से ही उच्चायोग के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी थी. इलाके में तीन स्तर की बैरिकेडिंग की गई और लगभग 15,000 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों तथा अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया. इसके बावजूद स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे. पुलिस को उन्हें नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. कई प्रदर्शनकारियों ने बैनर और तख्तियां उठाई हुई थीं, जिन पर भावनात्मक और आक्रोशपूर्ण नारे लिखे थे.

प्रदर्शनकारियों की मांगें

प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना था कि दीपू दास के साथ जो हुआ वह न केवल अमानवीय है बल्कि धार्मिक असहिष्णुता का गंभीर उदाहरण भी है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि वे भारत सरकार से मांग करते हैं कि इस मामले को कूटनीतिक स्तर पर गंभीरता से उठाया जाए. साथ ही, उन्होंने बांग्लादेश सरकार और वहां की पुलिस से भी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शनकारियों का मानना था कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक न्याय अधूरा रहेगा.

क्या है दीपू दास हत्याकांड?

जानकारी के अनुसार, 18 दिसंबर को बांग्लादेश के एक कपड़ा कारखाने में काम करने वाले दीपू दास पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था. आरोप लगने के बाद उनके पर्यवेक्षकों ने उनसे जबरन इस्तीफा दिलवाया और फिर उन्हें एक उग्र भीड़ के हवाले कर दिया. भीड़ ने उनके साथ बेरहमी से मारपीट की, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. इतना ही नहीं, उनके शव को ढाका–मयमनसिंह राजमार्ग पर लटका कर आग के हवाले कर दिया गया. इस घटना ने भारत सहित कई देशों में आक्रोश पैदा कर दिया.

बांग्लादेश सरकार की प्रतिक्रिया

दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शन पर बांग्लादेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. ढाका स्थित विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसे राजनयिक मर्यादाओं के खिलाफ बताया और भारतीय राजदूत को तलब कर अपना विरोध दर्ज कराया. बयान में कहा गया कि इस तरह के कृत्य न केवल राजनयिक संस्थानों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, बल्कि आपसी सम्मान और शांति के मूल्यों को भी नुकसान पहुंचाते हैं.

अन्य शहरों में भी असर

दिल्ली के अलावा कोलकाता में भी बांग्लादेश के खिलाफ प्रदर्शन देखे गए. इसके चलते ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. वहां सशस्त्र पुलिस बल तैनात किए गए हैं और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है. दोनों देशों के बीच इस घटना को लेकर कूटनीतिक स्तर पर तनाव का माहौल बना हुआ है.

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23 December 2025, 02:36 PM IST

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