केरल का विझिनजाम बंदरगाह भारत के लिए क्यों है गेमचेंजर पोर्ट? Video
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के विशिन्जम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया, जो भारत के समुद्री व्यापार में बदलाव लाएगा. ये परियोजना केरल सरकार द्वारा किए गए अब तक के सबसे बड़े निवेशों में से एक है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केरल के थिरुवनंतपुरम स्थित विशिन्जम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन किया, जो राज्य को वैश्विक समुद्री मानचित्र पर एक नई पहचान देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. ये बंदरगाह भारत के वैश्विक व्यापार और शिपिंग के परिदृश्य में बदलाव लाने की क्षमता रखता है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा- कल एक ऐतिहासिक क्षण है जब श्री नरेंद्र मोदी जी, भारत के माननीय प्रधानमंत्री, विशिन्जम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह को राष्ट्र को समर्पित करेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि ये एक महत्वपूर्ण परियोजना है- जो देश के किसी भी बंदरगाह में राज्य सरकार द्वारा की गई सबसे बड़ी निवेश राशि है, जिसमें केरल सरकार ने परियोजना की लागत का दो-तिहाई हिस्सा वहन किया है. विशिन्जम बंदरगाह का कमीशन होने के साथ भारत के समुद्री यात्रा का नया अध्याय शुरू हो रहा है, जो राष्ट्र को वैश्विक मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करेगा.
विशिन्जम बंदरगाह: एक नई यात्रा की शुरुआत
विशिन्जम बंदरगाह, जिसे भारतीय परिवहन और व्यापार की दिशा बदलने के रूप में देखा जा रहा है. उसका निर्माण 8,867 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है. ये भारत का पहला समर्पित ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह और देश का पहला सेमी-ऑटोमेटेड बंदरगाह है. ये महत्वपूर्ण बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्ग से महज 10 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है और इसकी गहराई स्वाभाविक रूप से बड़ी मालवाहक जहाजों के लिए सही है.
Tomorrow marks a historic moment as Shri Narendra Modi ji, the Hon’ble Prime Minister of India, dedicates the Vizhinjam International Seaport to the nation. This landmark project - the largest-ever state investment in any port in the country, with two-thirds of the cost borne by… pic.twitter.com/kPk0PVIWpU
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) May 1, 2025
भारत के समुद्री व्यापार में बदलाव
अब तक भारत के करीब 75 प्रतिशत ट्रांसशिपमेंट कंटेनरों को श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह से निपटाया जाता था. जिससे विदेशी मुद्रा और राजस्व का भारी नुकसान हो रहा था. विशिन्जम बंदरगाह की शुरुआत के साथ, इस व्यापार को भारत में वापस लाने की उम्मीद है, जो देश के समुद्री व्यापार को मजबूती प्रदान करेगा.
विशिन्जम बंदरगाह में राज्य सरकार का ऐतिहासिक निवेश
ये परियोजना अब तक के भारत में किसी राज्य सरकार द्वारा किए गए सबसे बड़े निवेशों में से एक है. केरल सरकार ने इस परियोजना के कुल खर्च का दो-तिहाई हिस्सा वहन किया है, जिसमें ब्रेकवाटर के निर्माण की पूरी लागत शामिल है. ब्रेकवाटर, जो भारत में सबसे गहरा है और करीब 3 किलोमीटर लंबा है, बंदरगाह की स्थिरता और संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करता है.
विशिन्जम बंदरगाह में स्वचालित यार्ड क्रेनों और रिमोटली ऑपरेटेड शिप-टू-शोर क्रेनों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे संचालन की गति और सुरक्षा में वृद्धि हुई है. इसके अलावा, ये भारत का पहला AI-पावर्ड वेसल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से सुसज्जित है, जिसे IIT मद्रास के सहयोग से विकसित किया गया है.


