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भारत ने दिनेश पटनायक को कनाडा में बनाया अपना राजदूत, ओटावा ने क्रिस्टोफर कूटर को नई दिल्ली में किया नियुक्त

भारत और कनाडा ने राजनयिक संबंधों को फिर से मजबूत करने के लिए वरिष्ठ उच्चायुक्तों की नियुक्ति की है. यह कदम खालिस्तानी विवाद के बाद द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दिनेश के. पट्टनायक ओटावा में भारत के उच्चायुक्त होंगे, जबकि क्रिस्टोफर कूटर नई दिल्ली में कनाडा का प्रतिनिधित्व करेंगे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

India-Canada relations: भारत और कनाडा ने गुरुवार को दोनों देशों के बीच लंबे समय से खाली पड़े उच्चायुक्त पदों को भरने के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाया है. वरिष्ठ भारतीय राजनयिक दिनेश के. पटनायक को भारत का कनाडा उच्चायुक्त नियुक्त किया गया, जबकि क्रिस्टोफर कूटर को कनाडा ने नई दिल्ली में अपनी उच्चायुक्त नियुक्त किया है. ये नियुक्तियां पिछले दस महीनों से चले आ रहे तनाव के बीच द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक संकेत माना जा रहा है.

तनाव के बाद सामान्यीकरण की ओर

यह कदम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत-कनाडा संबंध 2023 में सरे में खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. उस घटना के बाद दोनों देशों ने राजनयिक स्तर घटाया, व्यापार वार्ता रोक दी और बॉर्डर पर नियुक्त राजनयिकों को वापस बुला लिया गया. अब ये नियुक्तियां उन कूटनीतिक दरारों को पाटने की ओर पहला कदम हैं.

कौन हैं दिनेश पटनायक?

भारतीय विदेश सेवा (IFS) के 1990 बैच के अनुभवी दिनेश के. पटनायक वर्तमान में स्पेन में भारत के राजदूत हैं. मंत्रालय की सूचना के अनुसार, वे जल्द ही ओटावा में अपना कार्यभार संभालेंगे. उन्होंने जिनेवा, ढाका, बीजिंग, विएना आदि में महत्वपूर्ण कूटनीतिक पदों पर कार्य किया है, साथ ही यूके में डिप्टी हाई कमिश्नर रहे, जहां खालिस्तानी मुद्दे पर काम का अनुभव भी रहा है.

संबंधों में सुधार की दिशा में पहला कदम

इन नियुक्तियों की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच G7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई बैठक के कुछ ही समय बाद की गई. दोनों नेताओं ने उच्चायुक्तों को जल्द वापस भेजने पर सहमति जताई थी. यह दोनों देशों में विश्वास बहाली और शांति की पहल के बीच महत्वपूर्ण संकेत है.

दोनों देशों की चुनौतियां

भारतीय पक्ष आज भी कनाडा में सक्रिय खालिस्तानी तत्वों और आपराधिक नेटवर्क की गतिविधियों को संज्ञान में लेकर चिंतित है. दूसरी ओर, कनाडाई पक्ष भारतीय उग्र संगठनों और उनके प्रभाव की भी बात करता रहा है. अब ये नियुक्तियां सुरक्षा संवाद को फिर से एक मंच प्रदान कर सकती हैं.

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28 August 2025, 09:04 PM IST

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