टैरिफ सिर्फ बहाना, असली इरादा कुछ और... ट्रंप के टैरिफ पर शशि थरूर का तीखा वार, कहा- भारत को देना होगा जवाब
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने रूस से तेल खरीद के चलते भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ का तीखा विरोध दर्ज किया. उन्होंने कहा कि चीन को छूट और भारत पर सख्ती अमेरिकी नीति में छिपे किसी गहरे संदेश की ओर इशारा करती है. थरूर ने कहा किअगर कुछ नहीं बदला तो तीन हफ्ते बाद भारत को भी समान दर से जवाब देना चाहिए.

Shashi Tharoor: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ पर कड़ा एतराज जताया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की यह कार्रवाई महज प्रतिस्पर्धात्मक नहीं है, बल्कि इसके पीछे कोई छिपा हुआ संदेश हो सकता है. थरूर का कहना है कि जब चीन रूस से भारत से दोगुना तेल खरीद रहा है, तब भारत को केवल तीन हफ्तों का समय देना और चीन को 90 दिन की छूट देना, स्पष्ट भेदभाव की ओर इशारा करता है.
गुरुवार को लागू हुए 25% अतिरिक्त शुल्क को अमेरिका ने इस महीने के अंत तक 50% तक बढ़ाने की बात कही है. ऐसे में भारत को अमेरिका के इस निर्णय पर गहन रणनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से प्रतिक्रिया देनी चाहिए. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "अगर कुछ नहीं बदला तो तीन हफ्ते बाद भारत को भी समान दर से जवाब देना चाहिए."
#WATCH | Delhi: On US President Donald Trump's imposition of an additional 25% tariff on India's purchase of Russian oil, Congress MP Shashi Tharoor says, "It will definitely have an impact because we have a trade of $90 billion with them, and if everything becomes 50% more… pic.twitter.com/JelkBnlBqV
— ANI (@ANI) August 7, 2025
चीन को मिली छूट, भारत पर सख्ती
शशि थरूर ने कहा, "चीन रूस से लगभग दोगुना तेल खरीद रहा है और उन्हें 90 दिन का समय दिया गया है, जबकि भारत को सिर्फ तीन हफ्ते दिए गए. यह भेदभावपूर्ण रवैया दर्शाता है कि अमेरिका की मंशा सिर्फ व्यापार संतुलन सुधारने की नहीं, बल्कि कोई और संदेश देने की है."
उन्होंने आगे कहा कि भारत की ओर से अमेरिका से आने वाले आयात पर औसतन 17% शुल्क लगता है, ऐसे में अमेरिका द्वारा लगाए गए 25% या संभावित 50% शुल्क को केवल प्रतिस्पर्धात्मक कहना सही नहीं होगा.
भारत को भी देना चाहिए जवाब
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "भारत की नीति धमकी देने की नहीं है, लेकिन अगर अमेरिका अपने फैसले में बदलाव नहीं करता, तो हमें भी वैसा ही शुल्क लगाना चाहिए." उन्होंने सरकार से मांग की कि वह स्थिति को सावधानीपूर्वक समझे और उचित जवाब दे.
थरूर ने अमेरिकी नागरिकों से भी अपील की, खासतौर पर भारतीय मूल के लोगों से, कि वे अपनी सरकार से भारत के साथ निष्पक्षता की मांग करें. उन्होंने निक्की हेली का उदाहरण देते हुए कहा कि हेली ने भी ट्रंप से भारत को चीन के मुकाबले प्राथमिकता देने की बात कही है.
भारतीय व्यापार पर पड़ सकता है गहरा असर
थरूर ने यह भी माना कि इन टैरिफ्स का भारत के निर्यात पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. भारत और अमेरिका के बीच करीब 90 अरब डॉलर का व्यापार होता है. यदि भारतीय सामान की कीमतें 50% तक बढ़ जाती हैं, तो अमेरिकी उपभोक्ता उन्हें खरीदने से कतराएंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि इस स्थिति का फायदा वियतनाम, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन जैसे प्रतिस्पर्धी देशों को मिल सकता है, जो कम कीमत पर समान उत्पाद उपलब्ध करा सकते हैं.


