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क्या होता है टैरिफ? ये कैसे बना वैश्विक व्यापार का हथियार, पढ़िए पूरा इतिहास

भारत और अमेरिका के बीच बढ़े टैरिफ विवाद ने एक बार फिर इस शब्द को सुर्खियों में ला दिया है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% तक टैरिफ लगाने के फैसले ने वैश्विक व्यापार जगत में हलचल मचा दी है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर टैरिफ होता क्या है, इसकी शुरुआत कहां से हुई, और कैसे यह एक सामान्य टैक्स से बदलकर अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापार का हथियार बन गया? आइए, समझते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ की दरें बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी हैं. इस फैसले के बाद से टैरिफ को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है. भारत ने इसे अनुचित, अन्यायपूर्ण और तर्कहीन करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

इस फैसले ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है आखिर टैरिफ होता क्या है, इसकी शुरुआत कहां से हुई और देश इसे क्यों लागू करते हैं? LA चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि टैरिफ का मतलब क्या है.

क्या होता है टैरिफ?

टैरिफ एक प्रकार का टैक्स (कर) होता है जो कोई देश बाहर से आयात किए जाने वाले सामान पर लगाता है. इसका मकसद उस देश के स्थानीय उद्योगों की रक्षा करना, व्यापार संतुलन बनाए रखना और राजस्व अर्जित करना होता है.

50% टैरिफ का क्या मतलब है?

मान लीजिए भारत से अमेरिका कोई वस्तु निर्यात की जाती है जिसकी कीमत ₹100 है. अब अमेरिका ने उस वस्तु पर 50% टैरिफ लगाया है, तो अमेरिकी बाजार में उसकी कीमत ₹150 हो जाएगी. इस मूल्यवृद्धि से उस वस्तु की मांग में कमी आ सकती है क्योंकि अमेरिका में मौजूद लोकल उत्पाद सस्ते होंगे. नतीजतन, भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धा कमजोर हो जाएगी.

टैरिफ शब्द की उत्पत्ति कहां से हुई?

टैरिफ शब्द की जड़ें अरबी भाषा के शब्द 'ta’rif' से जुड़ी हैं, जिसका मतलब होता है जानकारी या सूचना. 1338 में पहली बार यह शब्द एक सिसिली दस्तावेज़ में मिला और फिर 1345 में वेनिस के व्यापार गाइड में इसका उल्लेख हुआ. अंग्रेजी में इसका पहला प्रयोग 1591 में विलियम गैरार्ड की किताब “The Art of War” में हुआ था, जहां इसका मतलब सैन्य संगठन में इस्तेमाल होने वाले आंकड़ों से था. समय के साथ यह शब्द वैश्विक व्यापार की मुख्य शब्दावली में शामिल हो गया.

क्यों लगाते हैं देश टैरिफ? 5 बड़े कारण

1. स्थानीय उद्योगों की सुरक्षा: जब कोई देश बाहर से सस्ता माल आयात करता है, तो स्थानीय उत्पाद उससे मुकाबला नहीं कर पाते. ऐसे में टैरिफ लगाकर विदेशी उत्पादों को महंगा किया जाता है ताकि स्थानीय उद्योग फले-फूले और युवाओं को रोजगार मिलता रहे.

2. व्यापार घाटा कम करना: अगर कोई देश ज्यादा आयात करता है और निर्यात कम, तो व्यापार घाटा होता है. टैरिफ के जरिए आयात को सीमित कर व्यापार संतुलन बनाए रखा जाता है.

3. राजनीतिक दबाव बनाना: टैरिफ कभी-कभी एक राजनीतिक हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल होता है. किसी ‘विरोधी’ देश पर दबाव डालने या रणनीतिक लाभ लेने के लिए टैरिफ लगाया जाता है.

4. सरकारी राजस्व बढ़ाना: कुछ देश टैरिफ के जरिए बड़े पैमाने पर राजस्व जुटाते हैं. इस पैसे से वे देश की आर्थिक जरूरतें पूरी करते हैं और विकास योजनाएं चलाते हैं.

5. गुणवत्ता नियंत्रण: टैरिफ एक तरह का 'फिल्टर' भी होता है जिससे निम्न गुणवत्ता वाले उत्पाद देश में प्रवेश न कर सकें. यह स्थानीय बाजार में गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करता है.

क्या ट्रंप का फैसला राजनीति से प्रेरित है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप का यह कदम महज आर्थिक नहीं बल्कि एक राजनीतिक दांव भी है. भारत को आर्थिक रूप से दबाव में डालने और घरेलू समर्थन पाने की रणनीति भी इसके पीछे हो सकती है.

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07 August 2025, 02:45 PM IST

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