score Card

भारी विरोध के बाद रद्द हुआ भारत-PAK मैच... केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने उठाए ये सवाल

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भारत-पाकिस्तान डब्ल्यूसीएल मैच के रद्द होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीति को खेलों में दखल नहीं देना चाहिए, खासकर जब यह मैच इंग्लैंड में होना था.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने रविवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैच को रद्द किए जाने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि खेलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए और इस तरह के फैसले देश के खेल माहौल पर गलत असर डाल सकते हैं.

"खेल में राजनीति घसीटना ठीक नहीं"

 
रामदास अठावले ने समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा, "खेलों में राजनीति घसीटने की कोई जरूरत नहीं है. अगर मैच भारत में होता, तो मामला अलग होता. लेकिन यह मैच इंग्लैंड में होना था." उन्होंने आगे कहा,"हमने पाकिस्तान को युद्ध में भी हराया है और क्रिकेट में भी. इसलिए विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए."

खेल से आतंकवाद की तुलना गलत 


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए अठावले ने कहा कि राष्ट्रीय भावना अपनी जगह है, लेकिन आतंकवाद और खेल आयोजनों को एक ही तराजू में तौलना सही नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया, "यह सही है कि आतंकियों ने पहलगाम में हमला किया और जवाब में भारत ने उनके शिविरों को ध्वस्त किया, लेकिन भारत-पाक क्रिकेट मैच का इससे कोई लेना-देना नहीं है."

मैच रद्द होने पर बोली प्रियंका चतुर्वेदी

दूसरी ओर, शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने मैच रद्द होने के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने इसे हालिया आतंकी घटनाओं के बाद देश की सामूहिक भावनाओं की जीत बताया. एक्स पर उन्होंने लिखा "देश की आवाज़ पहाड़ों को भी हिला सकती है. मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने भारत-पाक क्रिकेट मैच का विरोध किया, खासकर पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद. WCL ने मेरा आह्वान स्वीकार कर मैच रद्द कर दिया है. जय हिंद."

WCL ने मैच रद्द करने की पुष्टि की

रविवार सुबह, वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) ने भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले इस हाई-प्रोफाइल क्रिकेट मैच को औपचारिक रूप से रद्द करने की घोषणा की. साथ ही उन्होंने भारतीय जनता और क्रिकेट प्रेमियों की भावनाओं को आहत करने के लिए खेद भी जताया.

खेल और देशभक्ति के बीच संतुलन जरूरी

यह पूरा मामला एक बार फिर यह सवाल उठाता है कि क्या खेल और राजनीति को अलग रखना संभव है? जहां एक ओर देश की जनता की भावनाएं आतंकवाद के विरोध में मुखर हैं, वहीं दूसरी ओर खेलों को इन भावनाओं से प्रभावित करना एक बड़ी बहस का मुद्दा बनता जा रहा है.

calender
20 July 2025, 03:57 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag