पाक में अपमान सहता रहा भारत का वीर, ना brush की इजाजत, ना चैन की नींद
बीएसएफ जवान पीके शॉ को 23 अप्रैल को पंजाब में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर गिरफ्तार किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया.

23 अप्रैल को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ड्यूटी के दौरान बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से पाकिस्तान की सीमा में पहुंच गए, जहां पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उन्हें 21 दिन तक हिरासत में रखा गया, जिसमें उन्होंने मानसिक रूप से काफी तकलीफ झेली.
सूत्रों के मुताबिक, शॉ की आंखों पर लगातार पट्टी बांधकर रखी गई, उन्हें सोने नहीं दिया गया और पाकिस्तानी अधिकारियों ने गाली-गलौज की. हालांकि उन्हें शारीरिक यातना नहीं दी गई, लेकिन उन्हें ब्रश करने तक की अनुमति नहीं मिली.
पूछताछ और दबाव
पाकिस्तानी अधिकारी, जो सिविल ड्रेस में थे, उन्होंने सीमा पर बीएसएफ की तैनाती और वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में जानकारी देने के लिए शॉ पर दबाव डाला. उनसे संपर्क नंबर भी मांगे गए, लेकिन बीएसएफ के नियमों के अनुसार, शॉ के पास ड्यूटी के समय मोबाइल फोन नहीं था, इसलिए वे कोई नंबर नहीं दे सके.
तीन अलग-अलग जगहों पर रखा गया
शॉ को पाकिस्तान में तीन अज्ञात स्थानों पर ले जाया गया. एक जगह एयरबेस के पास थी, जहां उन्हें हवाई जहाजों की आवाजें सुनाई देती थीं. एक स्थान पर उन्हें जेल की कोठरी में भी रखा गया. इन सभी जगहों पर उनकी आंखों पर पट्टी बंधी रहती थी.


