आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक जंग, UNSC में TRF और लश्कर के रिश्तों का पर्दाफाश
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा कदम उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 प्रतिबंध समिति के समक्ष 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के खिलाफ सबूत पेश करने का फैसला किया है. TRF को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी बताया गया है.

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के 1267 प्रतिबंध समिति को लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) के खिलाफ साक्ष्य प्रदान करेगा। भारत का उद्देश्य इस संगठन को पाकिस्तान-आधारित लश्कर से जुड़े आतंकवादी संगठन के रूप में उजागर करना है। सूत्रों के अनुसार, भारत पहलगाम हत्याकांड को अंजाम देने के पीछे इस प्रॉक्सी का हाथ साबित करने के लिए UNSC समिति को साक्ष्य प्रस्तुत करेगा.
आतंकी समूहों पर आगामी बैठक में प्रस्ताव
UNSC 1267 प्रतिबंध समिति की अगली बैठक अगले सप्ताह प्रस्तावित है, जिसमें आतंकवादी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद जताई जा रही है। भारत ने इस बैठक से पहले द रेजिस्टेंस फ्रंट के खिलाफ स्पष्ट साक्ष्य पेश करने का फैसला किया है, जिससे इस संगठन की पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर से संबंधों को बेनकाब किया जा सके। भारत का लक्ष्य दुनिया भर में इस आतंकवादी प्रॉक्सी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का दबाव बनाना है.
भारत का मजबूत संदेश
भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान और उसके आतंकवादी संगठनों के खिलाफ एक मजबूत संदेश देने के लिए है। पहलगाम हमले को लेकर भारत पहले ही कई बार पाकिस्तान पर आरोप लगा चुका है, और अब UNSC के समक्ष इसे और मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है.
कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
भारत की कोशिश है कि UNSC पर दबाव डाला जाए ताकि लश्कर-ए-तैयबा और इसके प्रॉक्सी संगठन TRF के खिलाफ ठोस कदम उठाए जाएं। भारत ने इस प्रयास के तहत पहले भी विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद के समर्थन की निंदा की है.
समिति में साक्ष्य पेश करने की योजना
सूत्रों के अनुसार, भारत की योजना है कि वह TRF के कृत्यों का सबूत UNSC 1267 समिति के सामने पेश करेगा, जिससे इस आतंकवादी संगठन की वैश्विक स्तर पर पहचान हो सके। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को निर्णायक कदम उठाने के लिए प्रेरित करना है.
भारत का यह कदम पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। UNSC की बैठक में जब यह साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे, तो यह एक नया मोड़ ला सकता है आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक संघर्ष में.


