India-US Trade War: ट्रंप के 50% टैरिफ के खिलाफ अब क्या कदम उठाएगा भारत, कैसे निकालेगा हल ?
अमेरिका द्वारा भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने से भारतीय निर्यातकों की चिंता बढ़ी है. खासकर टेक्सटाइल सेक्टर पर बड़ा असर पड़ा है. हालांकि, सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का निर्यात प्रोत्साहन मिशन तैयार किया है, जो नए बाजारों की खोज, घरेलू मांग को बढ़ावा और MSME को डिजिटल प्लेटफॉर्म से सशक्त करने जैसे उपायों पर केंद्रित होगा.

India-US Trade War: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत का शुल्क (टैरिफ) लगाने का फैसला किया है. इसके साथ ही भारत पर कुल टैरिफ अब 50 प्रतिशत हो गया है. इस फैसले के बाद भारतीय निर्यातक और कारोबारी परेशान हैं और इस मुश्किल हालात से निपटने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं.
86.51 अरब डॉलर का माल निर्यात करता है भारत
रु 20,000 करोड़ का नया ‘निर्यात प्रोत्साहन मिशन’
हालांकि, इस संकट से बाहर निकलने के लिए भारत सरकार 20,000 करोड़ के नए निर्यात प्रोत्साहन मिशन पर काम कर रही है. इस मिशन का उद्देश्य यह है कि भारतीय निर्यातकों को वैश्विक व्यापारिक अनिश्चितताओं से सुरक्षा दी जा सके.
तीन मंत्रालय मिलकर करेंगे मिशन का संचालन
यह मिशन भारत सरकार के तीन मंत्रालयों द्वारा मिलकर चलाया जाएगा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME). इस मिशन को अगस्त 2025 तक अंतिम रूप दिए जाने और सितंबर 2025 से लागू किए जाने की उम्मीद है.
निर्यात मिशन के पाँच प्रमुख घटक होंगे
ट्रेड फाइनेंस – निर्यात के लिए सस्ती फंडिंग मुहैया कराना
गैर-व्यापारिक सहायता – जैसे कि बाजार तक पहुंच, नियमों और मानकों से संबंधित सुधार
ब्रांड इंडिया को मजबूत करना – वैश्विक स्तर पर भारतीय उत्पादों की पहचान बढ़ाना
ई-कॉमर्स और वेयरहाउसिंग – ऑनलाइन बिक्री और स्टोरेज को बढ़ावा देना
व्यापार सुविधा (Trade Facilitation) – प्रक्रियाओं को सरल और तेज बनाना
सरकार उद्योगों की विशेष मांगों पर भी विचार कर रही है. इसके अलावा, सरकार विशेष क्षेत्रों (सेक्टर्स) की मांगों पर भी विचार कर रही है. इसमें शामिल हैं.मौजूदा निर्यात योजनाओं का विस्तार, नई योजनाओं की शुरुआत, नियमों के अनुपालन को आसान बनाना और व्यापार के विकल्पों का विस्तार करना. विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार MSME और निर्यातकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म और सिंगल विंडो सिस्टम उपलब्ध करा सकती है, ताकि उन्हें निर्यात क्रेडिट, बीमा और जोखिम कवर आसानी से मिल सके.
सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल (कपड़ा) सेक्टर पर पड़ेगा
ट्रंप के इस टैरिफ फैसले का सबसे बड़ा असर भारत के टेक्सटाइल उद्योग पर पड़ सकता है. करीब 4 अरब डॉलर का कपड़ा व्यापार, जिसमें टी-शर्ट और होम टेक्सटाइल शामिल हैं, इस टैरिफ से प्रभावित हो सकता है. इसके मुकाबले, बांग्लादेश और वियतनाम जैसे प्रतिद्वंद्वी देशों को अमेरिका में कम शुल्क देना पड़ता है, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा बढ़ जाती है.
बजट 2025-26 को बनाया जा सकता है और व्यापक
इस स्थिति से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने बजट 2025-26 में जो Export Promotion Mission घोषित किया था, उसके लिए केवल 2250 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं कि इस मिशन को और मजबूत बनाकर टेक्सटाइल उद्योग के लिए विशेष सहायता दी जा सकती है.
भारत के पास क्या विकल्प हैं?
1. नए बाजारों की तलाश:
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन देशों की तलाश कर सकता है जहां अमेरिका भेजे जा रहे माल को डायवर्ट किया जा सके.
2. घरेलू बाजार पर ध्यान देना:
भारत का घरेलू बाजार काफी बड़ा है और यहां की मध्यम वर्ग की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. यदि भारत घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दे तो आयात पर निर्भरता कम हो सकती है.
3. फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA):
आज दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) करना चाहती हैं. इसका फायदा उठाकर भारत अपने व्यापार को विविध बना सकता है.


