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भारतीय सेना ने दिखाई तकनीकी ताकत, दुनिया को किया हैरान, हर जनरेटर से जुड़ने वाला स्मार्ट सिस्टम किया तैयार

Indian Army Innovation : भारतीय सेना के मेजर राजप्रसाद आरएस ने 'विद्युत रक्षक' नामक एक उन्नत स्वदेशी डिवाइस विकसित किया है, जो जनरेटर और बिजली प्रणालियों को स्मार्ट तरीके से मॉनिटर और कंट्रोल करता है. यह तकनीक सेना की ऑपरेशनल क्षमताओं को बढ़ाती है, खासकर दूर-दराज के इलाकों में. इस डिवाइस को पेटेंट मिल चुका है और इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Indian Army Innovation : भारतीय सेना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह केवल सीमा पर नहीं, बल्कि तकनीकी मोर्चे पर भी पूरी तरह सक्षम और तैयार है. सेना के मेजर राजप्रसाद आरएस द्वारा विकसित किया गया अत्याधुनिक डिवाइस ‘विद्युत रक्षक’ अब देश की सैन्य क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार है. यह केवल एक इनोवेशन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिसे अब औपचारिक तौर पर पेटेंट भी मिल चुका है.

क्या है 'विद्युत रक्षक' ?

आपको बता दें कि ‘विद्युत रक्षक’ एक स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम है, जो सेना के विद्युत संसाधनों को अधिक प्रभावी, सुरक्षित और संगठित रूप से संचालित करने में मदद करता है. यह डिवाइस किसी भी प्रकार के जनरेटर या बिजली प्रणाली के साथ एकीकृत होकर काम कर सकता है चाहे वह नया हो या पुराना, किसी भी ब्रांड या रेटिंग का हो. यह सिस्टम बिजली की निगरानी, सुरक्षा और नियंत्रण तीनों का काम करता है. इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह मैनपावर की जरूरत को कम करता है और फील्ड में तैनात सैनिकों की कार्यक्षमता को बढ़ाता है.

दुर्गम इलाकों में सेना की बढ़ी ताकत
‘विद्युत रक्षक’ का प्रयोग विशेष रूप से उन इलाकों में किया जा रहा है, जहां बिजली प्रबंधन एक कठिन चुनौती होती है  जैसे कि जम्मू-कश्मीर के ऊँचे और सुदूर क्षेत्र. वहां के कठोर मौसम और सीमित संसाधनों के बीच यह डिवाइस एक मिशन क्रिटिकल टेक्नोलॉजी बनकर उभरा है. हाल ही में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर में तैनात जनरेटरों को इस डिवाइस की मदद से दूर से चालू कर उनकी कार्यक्षमता की जाँच की. यह तकनीक यह सुनिश्चित करती है कि बिजली की आपूर्ति कभी बाधित न हो और सैनिक बिना किसी व्यवधान के अपने कार्यों को अंजाम दे सकें.

तकनीक और राष्ट्रीय सुरक्षा का संगम
‘विद्युत रक्षक’ को एयरो इंडिया 2023 और भारत शक्ति जैसे प्रमुख रक्षा कार्यक्रमों में प्रदर्शित किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह इनोवेशन न केवल सैन्य, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा की दृष्टि से भी अहम है. यह डिवाइस भारतीय सेना की "टेक्नोलॉजी एब्जॉर्प्शन ईयर" योजना का भी हिस्सा है, जो सेना के भीतर देसी तकनीकों को अपनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाई जा रही है.

अमित शाह ने सुरक्षा एजेंसियों को किया सतर्क
इसी बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सेना और सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क करते हुए कहा है कि बर्फबारी के दौरान आतंकवादी सीमा पार घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं, इसलिए विशेषकर जम्मू-कश्मीर में चौकसी और कड़ी निगरानी बनाए रखी जाए. इससे यह साफ होता है कि जहां एक ओर सेना तकनीकी तौर पर सशक्त हो रही है, वहीं सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को भी पूरी गंभीरता से लिया जा रहा है.

यह डिवाइस भविष्य में न केवल सेना के लिए, बल्कि नागरिक आपदा प्रबंधन, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली वितरण और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में भी उपयोगी साबित हो सकता है. 'विद्युत रक्षक' भारतीय सेना के नवाचार की एक जीती-जागती मिसाल है, जो दिखाता है कि आत्मनिर्भर भारत अब सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि एक साकार होती हकीकत है.

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11 October 2025, 08:40 PM IST

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