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पहलगाम हमले के बाद पहली बार पीएम मोदी से मिले जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अबदुल्ला, करीब आधे घंटे तक हुई चर्चा

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को पहलगाम हमले के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. बैठक में सुरक्षा स्थिति और सिंधु जल संधि पर चर्चा हुई. उमर ने कड़ा संदेश दिया कि इस समय राज्य का दर्जा मांगने की राजनीति नहीं की जाएगी और पीड़ितों के प्रति समर्थन जताया. उन्होंने कहा कि यह हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर नहीं, पूरे देश को प्रभावित करने वाला था. बैठक से यह संकेत मिलता है कि राज्य में सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहली बार मुलाकात की है. बैठक प्रधानमंत्री आवास पर हुई और करीब आधे घंटे तक चली. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा हुई. खासकर, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और राज्य के भविष्य पर विचार विमर्श हुआ.

सिंधु जल संधि और जम्मू-कश्मीर पर असर

मुलाकात में एक महत्वपूर्ण बिंदु सिंधु जल संधि पर भी चर्चा की गई. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और प्रधानमंत्री मोदी ने इस संधि को स्थगित किए जाने के संभावित प्रभावों पर चर्चा की, जिसका प्रभाव विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर पर पड़ेगा. सिंधु जल संधि, जो भारत और पाकिस्तान के बीच जल वितरण का एक महत्वपूर्ण समझौता है, इस संदर्भ में दोनों नेताओं ने यह माना कि अगर इस समझौते में कोई बदलाव किया गया तो वह जम्मू-कश्मीर के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति उत्पन्न कर सकता है.

उमर अब्दुल्ला का कड़ा संदेश

आतंकी हमले के बाद, उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार को एक कड़ा संदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि उनकी राजनीति इतनी ओछी नहीं है कि इस त्रासदी के दौरान वह अपनी सरकार से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करें. इस बयान के जरिए उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह समय राजनीति करने का नहीं, बल्कि पीड़ितों के प्रति संवेदना और समर्थन जताने का है.

उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान कहा, "हम इस वक्त राज्य का दर्जा मांगने के लिए इस हमले का इस्तेमाल नहीं करेंगे. क्या हमारी राजनीति इतनी सस्ती है कि हम इन 26 निर्दोष लोगों की जान की क़ीमत पर अपनी मांगें रखें?" उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का मुद्दा वह पहले भी उठाते रहे हैं और भविष्य में भी उठाएंगे, लेकिन इस वक्त उनके लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है कि वे इस हमले की कड़ी निंदा करें और पीड़ितों के परिवारों के प्रति समर्थन व्यक्त करें.

पूरी दुनिया इस हमले की चपेट में

उमर अब्दुल्ला ने अपने भाषण में यह भी कहा कि यह हमला केवल जम्मू-कश्मीर का नहीं, बल्कि पूरी दुनिया का मामला है. उन्होंने कहा, "यह हमला पूरे देश को झकझोर देने वाला था. यह हमला सिर्फ जम्मू-कश्मीर नहीं, बल्कि पूरे भारत और दुनिया को प्रभावित करने वाला था." उन्होंने विशेष रूप से उन 25 पर्यटकों और कश्मीरी घोड़े वाले की हत्या को याद किया, जो पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे. यह घटना देशभर के लोगों के लिए एक बड़ा सदमा थी और इसने पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजा.

पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे

यह बैठक और उमर अब्दुल्ला का बयान यह दर्शाते हैं कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति और सुरक्षा हालात वर्तमान समय में काफी जटिल और संवेदनशील हैं. उमर अब्दुल्ला का यह संदेश उनके नेतृत्व के स्थायित्व और आतंकवाद के खिलाफ उनकी दृढ़ नीति को स्पष्ट करता है. जम्मू-कश्मीर और विशेष रूप से पहलगाम के हमले के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य में सुरक्षा स्थिति में सुधार के लिए अधिक ठोस कदम उठाए जाएंगे.

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03 May 2025, 06:55 PM IST

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