बिहार में महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी JMM और RLJP, India Bloc की बैठक में हुआ बड़ा फैसला
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक की अहम बैठक में आरएलजेपी और जेएमएम को गठबंधन में शामिल किया गया. सीट बंटवारे पर सहमति बन चुकी है, जिसमें राजद 122-124, कांग्रेस 58-62, वामपंथी 31-33, वीआईपी 20-22, आरएलजेपी 5-7 और जेएमएम 2-3 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. जल्द औपचारिक घोषणा होगी.

पशुपति कुमार पारस के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) अब भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) के तहत आगामी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. शनिवार को विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के आवास पर हुई अहम बैठक के बाद यह निर्णय सामने आया. जानकारी के अनुसार, आरएलजेपी को राजद, कांग्रेस, वामपंथी दलों और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) जैसे सहयोगियों के साथ सीटें आवंटित की जाएंगी, जबकि जेएमएम को राजद के कोटे से हिस्सेदारी मिलेगी.
बैठक का माहौल और कांग्रेस की भूमिका
बैठक के बाद बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि सीट बंटवारे पर चर्चा सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई. उनका कहना था कि इस बार हर दल अपने-अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों से चुनाव लड़ेगा. राम ने यह भी स्पष्ट किया कि 2020 की तुलना में सीटों की संख्या में समायोजन होगा, क्योंकि इस बार गठबंधन में दो-तीन नई पार्टियाँ शामिल हैं. उन्होंने राहुल गांधी की मतदाता अधिकार यात्रा की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं का उत्साह ऊँचा है, लेकिन कांग्रेस अन्य सहयोगियों की सीटें नहीं छीनेगी.
सीट बंटवारे पर सहमति
सूत्रों के मुताबिक, सीटों को लेकर मोटा-मोटी समझौता हो चुका है. एक वरिष्ठ राजद नेता ने बताया कि जल्द ही राजद और कांग्रेस की उच्च-स्तरीय बैठक में सीट बंटवारे की औपचारिक घोषणा होगी. वीआईपी के संस्थापक मुकेश सहनी ने भी कहा कि गठबंधन में सीटों को लेकर कोई विवाद नहीं है और सब कुछ सहमति से तय हो रहा है.
संभावित सीटों का बंटवारा
2020 के चुनाव में राजद ने 144 सीटों, कांग्रेस ने 70 और वामपंथी दलों ने मिलकर करीब 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार अनुमान लगाया जा रहा है...
राजद: 122-124 सीटें
कांग्रेस: 58-62 सीटें
वामपंथी दल: 31-33 सीटें
वीआईपी: 20-22 सीटें
आरएलजेपी: 5-7 सीटें
जेएमएम: 2-3 सीटें
इन आंकड़ों पर अंतिम निर्णय जल्द होने की संभावना है.
एनडीए से अलग होने का कारण
2020 के विधानसभा चुनाव में आरएलजेपी ने भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी पर जीत दर्ज की थी. लेकिन हालिया लोकसभा चुनावों में भाजपा ने चिराग पासवान की लोजपा (रामविलास) को तरजीह दी और आरएलजेपी को नज़रअंदाज़ कर दिया. इसी वजह से पार्टी ने एनडीए से दूरी बना ली. वहीं, वीआईपी ने भी एनडीए के तहत 11 सीटों पर चुनाव लड़कर 4 जीते थे, लेकिन बाद में इसके अधिकतर विधायक भाजपा में शामिल हो गए.
आरजेडी की आगामी यात्रा
बैठक में सीट बंटवारे पर सहमति के साथ-साथ राजद ने अपनी आगामी राजनीतिक यात्रा की भी योजना रखी. यह यात्रा 15 सितंबर को सासाराम से शुरू होगी और उन जिलों को कवर करेगी जहां पहले अभियान नहीं हुआ था. राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि अभियान की पूरी जानकारी अधिसूचना के बाद स्पष्ट होगी.


