पाकिस्तान के ट्रैवल ऐप वीगो का ज्योति मल्होत्रा ने प्रचार, पुलिस अब ट्रिप स्पॉन्सर्स की कर रही जांच
हरियाणा पुलिस यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के खिलाफ जासूसी के आरोपों की जांच कर रही है, जिसमें उनके प्रायोजकों, खासकर वीगो ऐप से जुड़ाव की भी जांच हो रही है. यह ऐप पाकिस्तान तक फैला है. पुलिस का आरोप है कि उन्होंने संवेदनशील जानकारी साझा की और पाकिस्तानी अधिकारी से संपर्क में रहीं. कोर्ट ने उन्हें चार दिन की रिमांड पर भेजा है. उनके पिता ने निष्पक्ष जांच और मोबाइल लौटाने की मांग की है.

हरियाणा पुलिस द्वारा जांच की जा रही जासूसी मामले में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से जुड़े आर्थिक पहलुओं की भी जांच की जा रही है. पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसे प्रायोजित करने वाली कंपनियों के साथ उसके संबंध किस प्रकार के थे और कहीं उनमें किसी तरह की संदिग्ध गतिविधियाँ तो शामिल नहीं थीं.
संदिग्ध ऐप का प्रचार
जांच में सामने आया है कि ज्योति ने अपने एक यूट्यूब वीडियो में "वीगो" नामक एक ऐप का प्रचार किया था. यह ऐप एक ट्रैवल प्लेटफ़ॉर्म है, जो मुख्य रूप से मध्य पूर्व में संचालित होता है और पाकिस्तान तक इसकी पहुंच है. इस बात ने अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया है कि कहीं इसका इस्तेमाल संवेदनशील जानकारी के लेन-देन या संदिग्ध गतिविधियों में तो नहीं किया गया.
कहां से हुई वीगो ऐप की शुरूआत?
वीगो की शुरुआत 2005 में सिंगापुर में "बेज़ुर्क" नाम से हुई थी. 2008 में इसका नाम बदलकर "वीगो" रखा गया. यह एक ट्रैवल मेटासर्च इंजन है जो दुनियाभर में उड़ान और होटल बुकिंग सेवाएं प्रदान करता है. वर्तमान में इसका मुख्यालय सिंगापुर और दुबई दोनों में स्थित है. हाल के वर्षों में कंपनी ने पाकिस्तान में अपने कामकाज का विस्तार करते हुए ‘बुक ऑन वीगो’ सेवा शुरू की है, जिससे उपयोगकर्ता सीधे फ्लाइट्स और होटलों की बुकिंग कर सकते हैं.
पाकिस्तान में वीगो की उपस्थिति
वीगो को पाकिस्तान के पर्यटन विभाग से लाइसेंस प्राप्त है और कंपनी को अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) की मान्यता भी मिली है. हालांकि, अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है जिससे यह साबित हो सके कि कंपनी को पाकिस्तान के किसी निवेशक से वित्तीय मदद मिली है. इसके बावजूद, इस ऐप के पाकिस्तान से जुड़ाव ने जांच एजेंसियों को और अधिक सतर्क कर दिया है.
चार दिन की रिमांड
22 मई को हिसार की एक अदालत ने ज्योति मल्होत्रा को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेजने का आदेश दिया. उन पर आरोप है कि उन्होंने संवेदनशील जानकारी साझा की और एक पाकिस्तानी नागरिक के साथ लगातार संपर्क में थीं. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस विभिन्न कोणों से जांच कर रही है.
बना रही थी संदिग्ध नेटवर्क
हिसार के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि ज्योति को एक "एसेट" के तौर पर विकसित किया जा रहा था और वह न केवल अन्य यूट्यूब प्रभावशाली लोगों के संपर्क में थीं बल्कि पाकिस्तान के सूचना अधिकारियों (PIOs) से भी उनकी बातचीत थी. एसपी के अनुसार, वह कई बार प्रायोजित यात्राओं के माध्यम से पाकिस्तान गई थीं. खासकर, पहलगाम हमले से पहले वह पाकिस्तान में मौजूद थीं, जिसे देखते हुए जांच और भी अहम हो जाती है.
पाकिस्तानी अधिकारी से मुलाकात
प्रारंभिक पूछताछ में ज्योति ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2023 में पाकिस्तान वीजा के लिए दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग का दौरा किया था, जहाँ उनकी मुलाकात एक व्यक्ति अहसान-उर-रहीम उर्फ़ दानिश से हुई. इसके बाद उन्होंने दो बार पाकिस्तान की यात्रा की और उन पर आरोप है कि उन्होंने इस दौरान कुछ संवेदनशील जानकारी साझा की.
पिता का बयान और पुलिस से मांग
ज्योति के पिता हारिस मल्होत्रा ने मीडिया से कहा कि उनकी बेटी ने यूट्यूब वीडियो बनाना शुरू किया था और उसी सिलसिले में पाकिस्तान गई थी. उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनकी बेटी का मोबाइल जब्त कर लिया है और वह चाहते हैं कि उसे लौटाया जाए. उन्होंने यह भी आग्रह किया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाए.