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कौन हैं DGMO राजीव घई, जिनसे पाकिस्तान ने लगाई हमले रोकने की गुहार, जानिए

भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई की रणनीति और नेतृत्व के चलते पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के बाद बैकफुट पर आकर सीजफायर की अपील करनी पड़ी. पाकिस्तानी DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने शनिवार को हॉटलाइन पर फोन कर भारतीय DGMO से हमले रोकने की गुहार लगाई.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. एलओसी पार की गई सटीक सैन्य कार्रवाई के बाद, शनिवार दोपहर पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने भारतीय DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को हॉटलाइन पर कॉल कर हमले रोकने की अपील की. इस बातचीत के बाद दोनों देशों के बीच सीजफायर को लेकर अस्थायी सहमति बनी. लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में सबसे अहम भूमिका निभाई भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने, जिन्होंने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया.
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जनरल राजीव घई न सिर्फ इस सीजफायर वार्ता के मुख्य केंद्र में रहे, बल्कि ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति बनाने और आतंकियों के ठिकानों की पहचान करने में भी उनकी भूमिका निर्णायक रही. उन्होंने सेना प्रमुख के 'राइट हैंड' की तरह काम करते हुए पीओके में आतंकी कैंपों पर सबसे प्रभावशाली जवाबी कार्रवाई का नेतृत्व किया.

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई?

ले. जनरल राजीव घई ने अक्टूबर 2024 में साउथ ब्लॉक स्थित आर्मी हेडक्वार्टर में DGMO का पदभार संभाला था. इसके पहले वे करीब डेढ़ साल तक श्रीनगर स्थित चिनार कोर (15वीं कोर) के GOC (कमांडिंग इन चीफ) रह चुके हैं. कश्मीर घाटी और नियंत्रण रेखा (LoC) पर उनके लंबे अनुभव ने उन्हें आतंकवाद विरोधी अभियानों का विशेषज्ञ बना दिया है.

ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका

भारत की ओर से किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के पांच टेरर कैंप्स को नष्ट किया गया. इन ठिकानों की पहचान चिनार कोर और DGMO ने मिलकर की थी. ले. जनरल घई ने इस पूरे ऑपरेशन की रणनीतिक नींव रखी और इसे ज़मीन पर उतारने की कमान संभाली.

हॉटलाइन पर कैसे हुआ सीजफायर का अनुरोध?

शनिवार को पाकिस्तानी DGMO मेजर जनरल कासिफ अब्दुल्ला ने ले. जनरल राजीव घई को दोपहर में हॉटलाइन पर कॉल किया और हालात को शांत करने की अपील की. भारत की ओर से सख्त रुख के बाद पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया. गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के DGMO हर मंगलवार को नियमित रूप से हॉटलाइन पर बातचीत करते हैं, लेकिन इस बार पाकिस्तान ने अपवादस्वरूप खुद पहले फोन कर वार्ता की मांग की.

12 मई को फिर होगी बातचीत

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री द्वारा सीजफायर की सहमति की घोषणा के साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया कि 12 मई को एक बार फिर दोनों देशों के DGMO फोन पर बात करेंगे. इस बातचीत में शनिवार शाम 5 बजे के बाद बनी सैन्य स्थिति की समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी.

DGMO की रैंक में भारत का दबदबा

भारत में DGMO का पद एक थ्री-स्टार रैंकिंग वाले लेफ्टिनेंट जनरल को दिया जाता है, जबकि पाकिस्तान में यह पद मेजर जनरल (टू-स्टार) के पास होता है. यह भारतीय सेना की विशालता और ऑपरेशनल क्षमता को दर्शाता है.

सीजफायर समझौते के पीछे वही चेहरा

साल 2021 में भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर शांति बनाए रखने के लिए जो सीजफायर समझौता हुआ था, उसमें भी DGMO स्तर पर सहमति बनी थी. लेफ्टिनेंट जनरल घई उसी नीति को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर हालात को नियंत्रण में लाने में सफल रहे हैं.

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11 May 2025, 01:10 PM IST

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