चंद्र ग्रहण, सूतक काल या फिर कुछ और...तीन बार के प्रयासों के बाद भी नहीं हो पाया लालबागचा राजा का विसर्जन
मुंबई के प्रसिद्ध गणपति लालबागचा राजा का विसर्जन समुद्र में हाई टाइड के कारण तीन बार की कोशिश के बावजूद नहीं हो सका. तेज लहरों ने फ्लोट सिस्टम को असफल बना दिया. बीएमसी की व्यापक व्यवस्थाओं के बीच अब तक 1.97 लाख से अधिक मूर्तियों का विसर्जन हो चुका है, जिनमें अधिकतर कृत्रिम तालाबों में हुआ.

मुंबई के प्रतिष्ठित गणपति लालबागचा राजा का विसर्जन इस बार भी चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. गिरगांव चौपाटी पर पहुंचने के बाद, समुद्र में आए हाई टाइड के कारण मूर्ति का विसर्जन तीन प्रयासों के बावजूद नहीं हो सका. जैसे ही मूर्ति को समुद्र में ले जाया गया, पानी का स्तर तेजी से बढ़ने लगा और लहरें और भी विकराल हो गईं. ऐसे में विसर्जन को स्थगित करना पड़ा.
ऑटोमेटिक फ्लोट भी नहीं आया काम
लालबाग के राजा के विसर्जन के लिए इस बार ऑटोमेटिक फ्लोट सिस्टम तैयार किया गया था, जिससे प्रतिमा को सुरक्षित तरीके से समुद्र में विसर्जित किया जा सके. लेकिन, तेज लहरों के कारण फ्लोट का इस्तेमाल जोखिमपूर्ण हो गया. मूर्ति को समुद्र के भीतर थोड़ी दूर तक ले जाया गया, जहां वह आधा पानी में डूबा दिखाई दी, लेकिन विसर्जन नहीं किया गया.
भीड़ में डटे भक्त
गिरगांव चौपाटी पर हजारों श्रद्धालु सुबह से ही लालबागचा राजा के अंतिम दर्शन के लिए डटे हुए हैं. मंडल ने जानकारी दी है कि जब तक समुद्र शांत नहीं होता और ज्वार का स्तर कम नहीं होता, तब तक विसर्जन नहीं किया जाएगा. इस बीच अन्य मंडलों की गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन लगातार जारी है.
8 किलोमीटर का सफर
लालबाग का राजा हर साल गिरगांव चौपाटी तक का महज 8 किलोमीटर का सफर 20 घंटे से ज्यादा में तय करता है. इसकी वजह मूर्ति की भव्यता के साथ-साथ पुराने रीति-रिवाज भी हैं. इस बार यह समयसीमा भी पार हो चुकी है, जिससे भक्तों की उत्सुकता और श्रद्धा और बढ़ गई है.
बीएमसी की तैयारियां
बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) के आयुक्त भूषण गगराणी ने बताया कि इस साल कुल 1,97,114 मूर्तियों का विसर्जन किया गया. इनमें से:
- 1,81,375 घरगुती मूर्तियां
- 10,148 सार्वजनिक मूर्तियां
- 5,591 गौरी-हरतालिका मूर्तियां शामिल थीं.
बीएमसी के अनुसार, पर्यावरण-संवेदनशील विसर्जन को इस वर्ष ज्यादा प्रोत्साहन मिला. मुंबई भर में बनाए गए 290 कृत्रिम तालाबों में बड़ी संख्या में मूर्तियों का विसर्जन हुआ.
विसर्जन के लिए तगड़ी व्यवस्थाएं
बीएमसी ने विसर्जन प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए लगभग 10,000 कर्मचारियों की तैनाती की. इसके अलावा उपलब्ध कराए गए:
- 70 प्राकृतिक विसर्जन स्थल
- 66 जर्मन राफ्ट
- 1200 स्टील प्लेट
- 2178 लाइफगार्ड
- 56 मोटरबोट
- 594 निर्माल्य कलश
- 245 नियंत्रण कक्ष
- 236 प्राथमिक उपचार केंद्र
- 115 एंबुलेंस
ग्यारहवें दिन का आंकड़ा
7 सितंबर की शाम 6 बजे तक केवल ग्यारहवें दिन ही 36,746 मूर्तियों का विसर्जन हो चुका था, जिनमें:
- 5,937 सार्वजनिक मूर्तियां
- 30,490 घरगुती मूर्तियां शामिल थीं.
बीएमसी ने बताया कि इस गणेशोत्सव के दौरान 508 मीट्रिक टन निर्माल्य एकत्र किया गया है, जिसे वैज्ञानिक विधि से प्रोसेस किया जाएगा.


